भारत में दूरसंचार से वंचित लोगों को जोड़ने का काम करेगा सैटेलाइट संचार : सिंधिया

Scindia
ANI

सरकार ने बिना नीलामी के उपग्रह संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है, जिससे एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक जैसी कंपनियों को खासतौर से लाभ होगा।

 केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि वह उपग्रह संचार नेटवर्क या गैर-स्थलीय नेटवर्क के विकास को बड़ी उम्मीद के साथ देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये माध्यम दूरसंचार से वंचित लोगों को जोड़ने के अलावा संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में नये अवसर तैयार करेंगे।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा आयोजित दक्षिण एशियाई दूरसंचार नियामक परिषद में सिंधिया ने कहा कि गैर-स्थलीय नेटवर्क नए अनुप्रयोगों की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के प्रति सरकार के संकल्प को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

सिंधिया ने कहा कि गैर-स्थलीय नेटवर्क के आने से दूरसंचार प्रौद्योगिकी में एक नया मोड़ आया है और इससे दूरसंचार से अछूती आबादी को जोड़ने में बहुत मदद मिलेगी।

सरकार ने बिना नीलामी के उपग्रह संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है, जिससे एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक जैसी कंपनियों को खासतौर से लाभ होगा।

भारती समूह समर्थित वनवेब और जियो सैटकॉम को सैटकॉम सेवाओं के लिए परमिट मिले हैं, लेकिन उनकी मूल कंपनियों ने नीलामी के बिना स्पेक्ट्रम के आवंटन का विरोध किया है। दूरसंचार परिचालकों के विरोध के बावजूद सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन दूरसंचार अधिनियम 2023 के अनुसार प्रशासनिक पद्धति से किया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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