Delhi excise policy case: Sanjay Singh को नहीं मिली राहत, 11 दिसंबर तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
दो दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत एक स्थानीय अदालत में आरोपपत्र दायर किया।
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार (4 दिसंबर) को एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्यसभा सांसद और AAP नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी। सिंह को उनकी पिछली न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद आज अदालत में पेश किया गया था। आपको बता दें कि ईडी ने 4 अक्टूबर को संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। इससे पहले कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को संजय सिंह द्वारा दाखिल जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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इससे पहले दो दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत एक स्थानीय अदालत में आरोपपत्र दायर किया। यह इस मामले में पूरक आरोप पत्र है क्योंकि एजेंसी पहले ऐसी लगभग पांच अभियोजन शिकायतें दायर कर चुकी है। धनशोधन रोधी एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरोपी कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने राज्यसभा सदस्य के आवास पर दो किस्तों में दो करोड़ रुपये नकद पहुंचाए थे। सिंह ने इस दावे का खंडन किया है।
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ईडी ने 2021-22 दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में ‘आप’ सांसद को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बाद वह दूसरे बड़े नेता हैं। दिल्ली पर शासन करने वाली ‘आप’ ने गिरफ्तारियों और मामले को “राजनीतिक षड्यंत्र” करार दिया है। ईडी के अनुसार, जांच में पता चला है कि अरोड़ा ने सिंह के घर पर दो मौकों पर दो करोड़ रुपये नकद पहुंचाए थे। अगस्त 2021 से अप्रैल 2022 के बीच यह नकदी पहुंचाई गई।
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