महुआ मोइत्रा पर निशिकांत दुबे के आरोप पर बोले संजय राउत, मनोबल गिराने की हो रही कोशिश, भाजपा ने कही यह बात

Sanjay Raut
ANI
अंकित सिंह । Oct 16 2023 12:05PM

राउत ने कहा कि अडानी ग्रुप हो या किसी उद्योगपति को लेकर जब प्रश्न पूछा जाता है तो बीजेपी के पेट में बहुत दर्द होता है और फिर वो अनाप-शनाप आरोप लगाने लगते हैं। महुआ मोइत्रा टीएमसी की बहुत ही जुझारू नेता हैं पूरे देश में उनका नाम हैं।

महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे के "कैश फॉर क्वेरी" आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस नेता का मनोबल गिराने का एक प्रयास था। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी को अडानी सहित किसी भी उद्योगपति पर सवाल उठाना बर्दाश्त नहीं है, यही वजह है कि वे ऐसे आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा टीएमसी की एक प्रसिद्ध नेता हैं और वे (भाजपा) उनका मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं।

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राउत ने कहा कि अडानी ग्रुप हो या किसी उद्योगपति को लेकर जब प्रश्न पूछा जाता है तो बीजेपी के पेट में बहुत दर्द होता है और फिर वो अनाप-शनाप आरोप लगाने लगते हैं। महुआ मोइत्रा टीएमसी की बहुत ही जुझारू नेता हैं पूरे देश में उनका नाम हैं। उनको हतोत्साहित करने की ये कोशिश है। उन्होंने कहा कि मैं उनको जानता हूं वो ऐसे आरोप से पीछे हटने वाली नहीं हैं। ये लोग सबको बदनाम करते हैं...ये सबके ऊपर आरोप लगाते हैं। आप पीएम केयर फंड के बारे में जवाब दीजिए। राहुल गांधी ने आपसे पैसे की लेन-देन के बारे में 10 सवाल पूछा था आप उसका जवाब दीजिए। 2024 में आप सत्ता में नहीं आ रहे हैं INDIA गठबंधन आने वाली है।

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रविवार को, दुबे ने मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से "रिश्वत लेने" का आरोप लगाया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक "जांच समिति" गठित करने का आग्रह किया। इसको लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "निशिकांत दुबे एक सम्मानित सांसद हैं, वे तथ्यों के साथ खड़े होते हैं। संसद में उनकी विश्वसनीयता है। अगर उन्होंने पत्र लिखा है तो उनकी विश्वसनीयता को नकारा नहीं जा सकता।" केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि आज संसद की बहस का दिन नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि देश के चौथे स्तंभ को इन बातों पर नज़र रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं जब पहली बार संसद गया था तो अटल जी ने मुझसे कहा था कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम यहां आकर अपने जनता की बात करें, हम किसी के मोहरे न बनें। 

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