सलमान खुर्शीद बोले, तीसरे मोर्चे के लिए कांग्रेस से न करें समर्थन की उम्मीद
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने (राहुल) कहा है कि हम चुनाव के बाद मिलकर फैसला करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार 23 मई के बाद जमीनी हकीकत के आधार पर चुना जाएगा।
कोलकाता। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि कुछ क्षेत्रीय दलों की दिलचस्पी भाजपा के मुकाबले कांग्रेस से लड़ने में अधिक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सब नहीं चलेगा कि वे कांग्रेस को गाली देते रहें और चुनाव परिणाम के बाद उसके समर्थन की उम्मीद करें। खुर्शीद ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि क्षेत्रीय दलों को सिद्धांत की राजनीति की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने 23 मई के बाद किसी क्षेत्रीय मोर्चे या भाजपा नीत राजग के सत्ता में आने की संभावना से इनकार किया। खुर्शीद ने कहा, ‘‘दुखद है कि उनमें से कुछ सिद्धांत की राजनीति के मामले में काफी कमजोर हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि सिद्धांत की राजनीति के मामले में कौन से दल कमजोर हैं, उप्र कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा, ‘‘जो भी हमारे साथ नहीं है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव बाद के परिदृश्य में तृणमूल कांग्रेस के लिए कांग्रेस नीत संप्रग के दरवाजे खुले हैं, खुर्शीद ने कहा, ‘‘इस बारे में तृणमूल कांग्रेस को सोचना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें इस पर सोचना चाहिए। हमने साथ आने के लिए हर किसी को प्रस्ताव दिया था। हमने पेशकश की, उन्होंने उस पेशकश को स्वीकार नहीं किया, उन्होंने उस पेशकश को ठुकरा दिया। अब सोच-विचार करना उन पर निर्भर है।’’ खुर्शीद ने कहा, ‘‘यह तथ्य है कि वे (क्षेत्रीय दल) या तो संप्रग से जुड़ेंगे या राजग से। अब इस बारे में फैसला करना, उनके कार्यकर्ताओं, उनके समर्थकों तथा खुद उन पर है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या खंडित जनादेश की स्थिति में सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और अन्य गैर राजग दल कांग्रेस नीत संप्रग का समर्थन करेंगे, उन्होंने उम्मीद जतायी कि जो दल भाजपा से लड़ने का दावा करते हैं, वे भगवा पार्टी के अपने विरोध पर लगातार अडिग रहेंगे। उन्होंने कहा कि गैर राजग दलों का भाजपा के मुकाबले कांग्रेस की तरफ अधिक झुकाव है। लेकिन उन्होंने कहा कि वह यह देखकर हैरान हैं कि क्षेत्रीय दलों के एक तबके की दिलचस्पी भाजपा के मुकाबले कांग्रेस से लड़ने में अधिक है। क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व में ‘तीसरे मोर्चे’ के सत्ता में आने के विचार का उपहास उड़ाते हुए पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘जो भी भारत के अंकगणित को जानता है, वह इस पर विश्वास नहीं करेगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के किसी मोर्चे का समर्थन करेगी, खुर्शीद ने कहा, ‘‘आप (क्षेत्रीय दल) कांग्रेस को गाली दे रहे हो और उम्मीद कर रहे हो कि कांग्रेस आपको समर्थन देगी। क्या इसका कोई मतलब है?’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हम संप्रग की संपूर्ण जीत के लिए काम कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि संप्रग सत्ता में आएगा। यदि किसी का कोई और इरादा है तो हम अटकल नहीं लगाना चाहते।’’ प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी की उम्मीदवारी के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा कि भारतीय राजनीति की सचाई कहती है कि कांग्रेस अध्यक्ष की उम्मीदवारी ‘‘सबसे कहीं बढ़कर है, बावजूद इसके उन्होंने (राहुल) प्रधानमंत्री पद के लिए अपना दावा नहीं किया है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने (राहुल) कहा है कि हम चुनाव के बाद मिलकर फैसला करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार 23 मई के बाद जमीनी हकीकत के आधार पर चुना जाएगा। खुर्शीद ने कहा, ‘‘नि:संदेह लोगों ने उनसे (राहुल) पूछा है कि क्या वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं और उन्होंने कहा है कि यदि लोग चाहते हैं तो क्यों नहीं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह प्रधानमंत्री पद की मांग कर रहे हैं।’’
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