सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर वार्षिक तीर्थयात्रा के लिये खोला गया

sabrimala temple

राज्य सरकार ने रविवार को कहा, ‘‘पम्पा नदी में अनुष्ठानिक स्नान की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इसमें जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कुछ समय के लिए स्पॉट-बुकिंग बंद कर दी जाएगी और आनलाइन कतार प्रणाली के माध्यम से बुक करने वालों की तारीख बदल कर तीर्थयात्रियों के प्रवाह को नियंत्रित करने पर विचार किया जाएगा।’’

पथनमथिट्टा (केरल)| सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर दो महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सोमवार को खोल दिया गया। निवर्तमान पुजारी वी के जयराज पोट्टी ने मुख्य पुजारी (तंत्री) कंडारू महेश मोहनरारू की उपस्थिति में मंदिर के गर्भगृह को खोला गया।

अनुष्ठान पूजा के बाद, नए पुजारियों - सबरीमाला के लिए एन परमेश्वरन नंबूदरी और मलिकप्पुरम देवी मंदिर के लिए शभु नंबूदरी - ने कार्यभार संभाला।

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मंदिर में 16 नवंबर से ही तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति दी जाएगी। इस बीच, राज्य सरकार ने भारी बारिश के कारण पहाड़ी पर स्थित मंदिर में अगले तीन या चार दिनों तक तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने का फैसला किया है।

राज्य सरकार ने रविवार को कहा, ‘‘पम्पा नदी में अनुष्ठानिक स्नान की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इसमें जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कुछ समय के लिए स्पॉट-बुकिंग बंद कर दी जाएगी और आनलाइन कतार प्रणाली के माध्यम से बुक करने वालों की तारीख बदल कर तीर्थयात्रियों के प्रवाह को नियंत्रित करने पर विचार किया जाएगा।’’

इस बीच, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि पथनमथिट्टा जिले में भारी बारिश के मद्देनजर सबरीमला तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

मंत्री ने कहा, ‘‘संबंधित विभागों के कामकाज पर कड़ी नजर रखी जा रही है। लगातार बारिश के कारण मंदिर और आस-पास के इलाकों की कुछ सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिन सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी है वहां से यातायात को उन सड़कों से हटा दिया गया है।’’

मंत्री ने कहा कि विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया गया है कि पहाड़ी पर स्थित मंदिर का मार्ग सुरक्षित है। सरकार ने कोविड-19 महामारी की स्थिति पर विचार करने के बाद इस सत्र में प्रतिदिन केवल 30,000 भक्तों को आभासी कतार प्रणाली के माध्यम से दर्शन करने की अनुमति देने का निर्णय किया है।

अधिकारियों ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को कोविड​​​​-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा और कोविड टीकाकरण के दोनों खुराकों का प्रमाण पत्र अथवा 72 घंटे की आरटी-पीसीआर की निगेटिव जांच प्रमाण पत्र मंदिर में जाने के लिए अनिवार्य है। भक्तों को मूल आधार कार्ड भी प्रस्तुत करना चाहिए।

अधिकारी ने बताया कि 41 दिवसीय मंडला पूजा उत्सव का समापन 26 दिसंबर को होगा। मकरविलक्कु तीर्थयात्रा के लिए मंदिर 30 दिसंबर को फिर से खोला जाएगा।

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मकरविलक्कू 14 जनवरी 2022 को है और मंदिर 20 जनवरी 2022 को बंद कर दिया जाएगा। सबरीमाला तीर्थयात्रा के सुगम मौसम को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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