Modi के Ukraine दौरे की तारीख सामने आते ही भागे भागे भारत आये Russian Navys Commander-in-Chief Admiral Aleksandr Alekseyevich Moiseyev

Narendra Modi
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प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार देश की कमान संभालने के बाद हाल ही में रूस यात्रा पर भी गये थे। प्रधानमंत्री ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर भी वार्ता की थी। प्रधानमंत्री जब यूक्रेन यात्रा पर जाने वाले हैं तभी रूस के नौसेना अध्यक्ष भी भागे भागे भारत आये हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुप्रतीक्षित यूक्रेन दौरे की तारीख सामने आ गयी है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह 23 अगस्त को यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे। सात घंटे की इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वहां के नेतृत्व से मुलाकात करने के अलावा वहां पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों से भी मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री का पोलैंड जाने का भी कार्यक्रम है। हम आपको बता दें कि पोलैंड में ही नाटो का मुख्यालय है और नाटो ही इस युद्ध में यूक्रेन का प्रमुख मददगार है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री करीब सात घंटे तक यूक्रेन में रहेंगे।

हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार देश की कमान संभालने के बाद हाल ही में रूस यात्रा पर भी गये थे। प्रधानमंत्री ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर भी वार्ता की थी। प्रधानमंत्री जब यूक्रेन यात्रा पर जाने वाले हैं तभी रूस के नौसेना अध्यक्ष भी भागे भागे भारत आये हैं। प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि देश रूस-यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान तलाशने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने को इच्छुक है। विदेश मंत्रालय ने मोदी की 23 अगस्त की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि यह एक ‘‘महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक’’ यात्रा होगी, जो 30 साल पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी।

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विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मजबूत और स्वतंत्र संबंध हैं तथा ये साझेदारियां अपने-अपने बूते हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर सहयोग को मजबूत करेगी। तन्मय लाल ने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहूंगा कि इस यात्रा का उद्देश्य दूसरे के नुकसान से अपना फायदा पाना नहीं है। प्रधानमंत्री ने रूस की यात्रा भी की थी। कई विचारों पर चर्चा की गई थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पिछले एक साल में कई मौकों पर राष्ट्रपति (वोलोदिमीर) जेलेंस्की से मुलाकात की है और अब वे फिर से यूक्रेन में मिलेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहूंगा कि ये स्वतंत्र व्यापक संबंध हैं और जारी संघर्ष पर भी निश्चित रूप से चर्चा होगी।’’ यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर तन्मय लाल ने कहा, ‘‘भारत इस जटिल मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने के लिए हर संभव सहायता और योगदान देने को तैयार है।’’ साथ ही, उन्होंने मोदी और जेलेंस्की के बीच वार्ता के परिणाम का पूर्वानुमान जताने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने यह बहुत स्पष्ट और सतत रुख अख्तियार किया है कि कूटनीति और संवाद से इस संघर्ष का समाधान निकल सकता है जिससे दीर्घकालिक शांति आ सकती है।’’ तन्मय लाल ने कहा, ‘‘इसलिए बातचीत बहुत जरूरी है। स्थायी शांति केवल उन विकल्पों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों और यह केवल बातचीत के माध्यम से ही संभव है। भारत सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।’’ तन्मय लाल ने यह भी कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत के माध्यम से समाधान तक पहुंचने के लिए भारत लगातार कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है। तन्मय लाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। युद्ध के मैदान में समाधान नहीं खोजा जा सकता। यह एक स्पष्ट स्थिति है जिसे भारत ने अपनाया है और हमारा मानना है कि अधिकांश देश इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं।’’ यूक्रेन के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा कि यह संबंध ‘‘निरंतर और दीर्घकालिक’’ है।

तन्मय लाल ने कहा कि मोदी-जेलेंस्की वार्ता में भारत-यूक्रेन संबंधों के संपूर्ण आयाम पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है, जिसमें कृषि, बुनियादी ढांचा, फार्मास्युटिकल्स, स्वास्थ्य और शिक्षा, रक्षा और लोगों के बीच आपसी संबंध शामिल हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत यूक्रेन के पुनर्निर्माण में रुचि रखता है, तन्मय लाल ने कहा कि नयी दिल्ली न केवल संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए, बल्कि सभी आवश्यक सहायता और योगदान देने के लिए भी तैयार है।

हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री पोलैंड से कीव तक ट्रेन से यात्रा करेंगे, जिसमें करीब 10 घंटे लगेंगे। वापसी की यात्रा भी लगभग इतनी ही अवधि की होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विश्व के कई नेताओं ने भी यूक्रेनी सीमा के पास स्थित पोलिश रेलवे स्टेशन से ट्रेन द्वारा कीव की यात्रा की है। यूक्रेन की यात्रा से पहले, मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा कीव द्वारा रूसी क्षेत्र में ताजा सैन्य आक्रमण के बीच हो रही है। मोदी की कीव यात्रा मॉस्को की उनकी हाई-प्रोफाइल यात्रा के कुछ सप्ताह बाद हो रही है, जिसकी अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी। 

जहां तक रूसी नौसेना के अध्यक्ष की भारत यात्रा की बात है तो आपको बता दें कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को रूस की नौसेना के प्रमुख एडमिरल अलेक्जेंडर मोइसेव के साथ वार्ता की जिसमें दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक चर्चा हुई। एडमिरल मोइसेव भारत की यात्रा पर हैं। एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय ने कहा कि चर्चाओं में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने, रणनीतिक सहयोग को गहरा करने और दोनों देशों के बीच एक मजबूत रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में आपसी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया। हम आपको बता दें कि भारतीय नौसेना के अग्रिम पंक्ति के पोत आईएनएस तबर को पिछले माह रूस के सेंट पीटर्सबर्ग भेजा गया था जो दोनों देशों के बीच बढ़ते समुद्री सुरक्षा संबंधों को दर्शाता है। पोत ने 328वीं रूसी नौसेना दिवस परेड समारोह में भाग लिया। भारतीय नौसेना ने कहा था कि आईएनएस तबर की यात्रा का उद्देश्य दीर्घकालिक मित्रता को मजबूत करना और समुद्री संबंधों को मजबूत करने के नए रास्ते तलाशना था।

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