दारा शिकोह को हीरो क्यों नहीं माना? Aurangzeb Row पर आरएसएस महासचिव Dattatreya Hosabale की टिप्पणी

Dattatreya Hosabale
प्रतिरूप फोटो
ANI
एकता । Mar 23 2025 7:01PM

दत्तात्रेय होसबोले ने उन ऐतिहासिक शख्सियतों को नायक बनाने पर सवाल उठाया जो भारत के लोकाचार के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, 'अतीत में बहुत सारी घटनाएं हुई हैं। दिल्ली में एक ‘औरंगजेब रोड’ थी, जिसका नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया। इसके पीछे कुछ कारण थे। औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को नायक नहीं बनाया गया।'

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने रविवार को औरंगजेब विवाद पर टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने गंगा-जमुनी संस्कृति के पैरोकारों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि समर्थकों ने मुगल शासक औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को कभी नायक नहीं माना। बता दें, दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहां का सबसे बड़ा बेटा था, जिसने हिंदू और इस्लामी परंपराओं के बीच समान आधार खोजने की कोशिश की थी। औरंगजेब ने सत्ता हथियाने के लिए उसकी हत्या कर दी।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, होसबोले ने उन ऐतिहासिक शख्सियतों को नायक बनाने पर सवाल उठाया जो भारत के लोकाचार के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, 'अतीत में बहुत सारी घटनाएं हुई हैं। दिल्ली में एक ‘औरंगजेब रोड’ थी, जिसका नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया। इसके पीछे कुछ कारण थे। औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को नायक नहीं बनाया गया।'

इसे भी पढ़ें: पेपर लीक की खबरों के बाद Assam Board ने 11वीं की परीक्षाएं रद्द कीं, छात्र संगठनों ने शिक्षा मंत्री Ranoj Pegu का इस्तीफा मांगा

आरएसएस महासचिव ने कहा, 'गंगा-जमुनी संस्कृति की वकालत करने वालों ने कभी दारा शिकोह को आगे लाने के बारे में नहीं सोचा। क्या हम किसी ऐसे व्यक्ति को नायक बनाने जा रहे हैं जो भारत के लोकाचार के खिलाफ था, या हम उन लोगों के साथ जाने वाले हैं जिन्होंने इस भूमि की परंपराओं के अनुसार काम किया?'

इसे भी पढ़ें: 'मेरा यशु यशु' वाले Bajinder Singh ने छोटे बच्चे के सामने महिला की पिटाई की, वीडियो वायरल होने के बाद विवादों में घिरे

आरएसएस नेता ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और उनसे पहले आए लोगों के खिलाफ लड़ाई के बीच अंतर भी बताया। होसबोले ने कहा, 'अगर आजादी की लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी जाती है, तो यह आजादी की लड़ाई है। उनसे (अंग्रेजों) पहले आए लोगों के खिलाफ लड़ाई भी आजादी की लड़ाई थी। महाराणा प्रताप ने जो किया वह आजादी की लड़ाई थी। अगर आक्रमणकारी मानसिकता वाले लोग हैं, तो वे देश के लिए खतरा हैं। हमें तय करना होगा कि हम अपने देश के लोकाचार के साथ किसे जोड़ने जा रहे हैं। यह धर्म के बारे में नहीं है। यह आरएसएस का दृढ़ दृष्टिकोण है।'

उनकी यह टिप्पणी नागपुर में हाल ही में हुई झड़पों के बाद आई है, जो 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर भड़की थी। तनाव तब और बढ़ गया जब यह अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान एक विशेष समुदाय की पवित्र पुस्तक जला दी गई है। हालांकि, अब स्थिति सामान्य हो गई है और कई इलाकों में लगाया गया कर्फ्यू हटा लिया गया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़