कोरोना महामारी के दौरान 2 करोड़ श्रमिकों को 5,000 करोड़ रुपए की राहत दी गई: संतोष गंगवार
श्रम मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में गंगवार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान पूरे भारत में प्रवासी श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार ने कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।
नयी दिल्ली। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान मजदूरों की भलाई के लिए कई कदम उठाए और इस दौरान दो करोड़ से अधिक भवन एवं निर्माण श्रमिकों को 5,000 करोड़ रुपये की राहत दी गई। उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से कोविड-19 महामारी के दौरान करीब दो लाख श्रमिकों को उनकी फंसी हुई मजदूरी के तौर पर 295 करोड़ रुपये जारी किए गए। श्रम मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में गंगवार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान पूरे भारत में प्रवासी श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार ने कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं, जिसमें श्रमिक कल्याण और रोजगार मुहैया कराने के उपाए शामिल हैं।
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बयान के अनुसार लॉकडाउन के तुरंत बाद, श्रम और रोजगार मंत्रालय से सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को भवन और निर्माण श्रमिकों के उपकर कोष से वित्तीय सहायता देने के निर्देश दिए। एक अनुमान के मुताबिक निर्माण श्रमिकों में प्रवासी मजदूरों की बड़ी हिस्सेदारी है। मंत्री ने कहा कि अब तक लगभग दो करोड़ प्रवासी श्रमिकों को भवन और अन्य निर्माण श्रमिक उपकर निधि से सीधे उनके बैंक खातों में 5,000 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों की शिकायतों का समाधान करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पूरे देश में 20 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए।
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बयान के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान इन नियंत्रण कक्षों के माध्यम से 15,000 से अधिक शिकायतों का समाधान किया गया और श्रम मंत्रालय के हस्तक्षेप के कारण दो लाख से अधिक श्रमिकों लगभग 295 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि श्रम समवर्ती सूची में है और इसलिए, राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही इस मुद्दे पर कानून बना सकते हैं।
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