Rohit Pawar की कृषि इकाई पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही थी: एमपीसीबी ने उच्च न्यायालय से कहा

 Rohit Pawar
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एमपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शंकर वाघमारे द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि कंपनी द्वारा संचालित फैक्टरी ने संचालन की सहमति में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया है और पर्यावरण मानदंडों का गंभीर उल्लंघन किया है।

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक रोहित पवार द्वारा संचालित बारामती एग्रो लिमिटेड की एक इकाई को गंभीर पर्यावरणीय उल्लंघन के कारण बंद करने का आदेश जारी किया गया था।

एमपीसीबी ने 27 सितंबर को एक नोटिस जारी कर 72 घंटे के भीतर बारामती एग्रो लिमिटेड का एक हिस्सा बंद करने का निर्देश दिया था। कंपनी ने इस नोटिस को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी, जिसने पिछले महीने 16 अक्टूबर तक आदेश के संचालन पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

एमपीसीबी ने कंपनी की याचिका के जवाब में दायर अपने हलफनामे में इन आरोपों से इनकार किया कि आदेश पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर दिया गया और कहा कि यह ‘‘हताशा से लगाया गया आरोप’’ है।

एमपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शंकर वाघमारे द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि कंपनी द्वारा संचालित फैक्टरी ने संचालन की सहमति में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया है और पर्यावरण मानदंडों का गंभीर उल्लंघन किया है।

न्यायमूर्ति नितिन जामदार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ अगले सप्ताह इस मामले पर सुनवाई कर सकती है। रोहित पवार राकांपा के शरद पवार गुट का हिस्सा हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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