एक देश एक चुनाव के खिलाफ केरल विधानसभा में लाया गया प्रस्ताव, जानें क्या कहा
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के प्रतिनिधि, संसदीय कार्य मंत्री एम बी राजेश ने तर्क दिया कि यह प्रस्ताव भारत की संघीय प्रणाली और विविधता को खतरे में डालता है, संभावित रूप से विभिन्न राज्य विधानसभाओं और स्थानीय सरकारों की शर्तों को कम कर देगा।
राज्य सरकार ने केरल विधानसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया गया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्र सरकार से प्रस्ताव को अलोकतांत्रिक बताते हुए वापस लेने का आग्रह करते हुए प्रस्ताव पेश किया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के प्रतिनिधि, संसदीय कार्य मंत्री एम बी राजेश ने तर्क दिया कि यह प्रस्ताव भारत की संघीय प्रणाली और विविधता को खतरे में डालता है, संभावित रूप से विभिन्न राज्य विधानसभाओं और स्थानीय सरकारों की शर्तों को कम कर देगा। विधानसभा का तर्क है कि एक साथ चुनाव संवैधानिक सिद्धांतों को कमजोर करते हैं और चुनावों को एक साथ कराने की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश के बावजूद भाजपा और आरएसएस के एजेंडे को थोपते हैं।
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मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 18 सितंबर को एक पोस्ट में ट्वीट किया था कि राष्ट्रपति शासन को आगे बढ़ाने और संवैधानिक मूल्यों को नष्ट करने के संघ परिवार के इस कदम का विरोध किया जाना चाहिए। हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होना चाहिए। विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने भी प्रस्ताव पर कड़ा विरोध जताया और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए अव्यावहारिक करार दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ परिवार पर सत्ता को केंद्रीकृत करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
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