अनलॉक-1: बंदिशों के साथ आज से खुलेंगे मंदिर और शॉपिंग मॉल
भारत लॉकडाउन से बाहर निकलने की तैयारी कर रहा है और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के साथ सभी गैर-निरुद्ध क्षेत्रों में प्रतिबंधित गतिविधियां बहाल करने के लिए तीन चरणों की योजना के तहत पहला दौर ‘अनलॉक-1’ के रूप में तब शुरू होने जा रहा है।
नयी दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद सोमवार से देश में शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल, होटल और रेस्तरां फिर से खुलने जा रहे हैं, जिनमें नये नियमों के तहत प्रवेश के लिए टोकन प्रणाली जैसी व्यवस्थाएं होंगी, वहीं मंदिरों में ‘प्रसाद’ आदि का वितरण नहीं होगा। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इन सब स्थलों के खुलने से नयी चुनौतियां सामने आ सकती हैं। भारत लॉकडाउन से बाहर निकलने की तैयारी कर रहा है और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के साथ सभी गैर-निरुद्ध क्षेत्रों में प्रतिबंधित गतिविधियां बहाल करने के लिए तीन चरणों की योजना के तहत पहला दौर ‘अनलॉक-1’ के रूप में तब शुरू होने जा रहा है, जब देश में रविवार को लगातार पांचवें दिन भी कोविड-19 के मामलों में 9,000 से अधिक की वृद्धि हुई और पहली बार मामलों की संख्या एक दिन में 10,000 के स्तर को पार कर गयी। उक्त एसओपी 30 जून तक प्रभाव में रहेगी।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में रविवार को लगातार पांचवें दिन भी एक दिन में सर्वाधिक मामले सामने आने का सिलसिला जारी रहा। जहां, 9,971 नये मामले सामने आने से देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,46,628 पर पहुंच गई है, वहीं मृतक संख्या 6,929 हो गई है। भारत में शनिवार सुबह से लेकर पिछले 24 घंटे में 287 लोगों की मौत हुई है। राज्यों के आंकड़ों पर आधारित पीटीआई की तालिका के अनुसार पहली बार एक दिन में संक्रमण के मामलों की संख्या 10,000 के पार चली गयी और 10,218 नये मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब भी 1,20,406 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। मंत्रालय ने बताया कि कुल 1,19,292 लोग बीमारी से स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब तक करीब 48.37 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।” संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। नया चरण खासतौर पर पांच सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों के लिए चुनौती वाला है जहां देश के कुल संक्रमण के मामलों के करीब 70 प्रतिशत मामले हैं और इन पांच राज्यों में करीब 78 प्रतिशत मौत के मामले आए हैं।
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देश में संक्रमण के सबसे ज्यादा 85,975 मामले महाराष्ट्र में हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 30,152, दिल्ली में 28,936, गुजरात में 20,097 और राजस्थान में 10,559 मामले हैं। इन पांच सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों के बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मामलों की संख्या दस हजार के करीब है। पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां लगातार तीसरे दिन एक दिन में सर्वाधिक 449 मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,187 हो गई है। तमिलनाडु, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी एक दिन में रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं। जम्मू-कश्मीर में 620 नये मामले सामने आने के साथ रोगियों की कुल संख्या 4,087 पहुंच गयी है। महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,007 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 85,975 हो गई। अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले चीन के मामलों से भी अधिक हो गए हैं। चीन में संक्रमण के 83,036 मामलों की पुष्टि हुई है। हालांकि मुंबई के धारावी से कुछ अच्छी खबरें हैं जो अति प्रभावित क्षेत्र बना हुआ है।
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बृहन्मुंबई नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले छह दिन में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में कोविड-19 से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया है, वहीं यहां कुल 1,899 रोगियों में से 939 स्वस्थ हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एसओपी जारी किये जाने के बाद शॉपिंग मॉल, होटलों और रेस्तरां तथा धार्मिक स्थलों पर जाना अब लॉकडाउन लगने से पहले की तरह नहीं होगा। मॉल में सिनेमा हॉल, गेमिंग आर्केड और बच्चों के खेलने की जगहें पहले की तरह प्रतिबंधित स्थल में रहेंगी। एसओपी परामर्श वाली प्रकृति के हैं और केंद्र सरकार ने इनका ब्योरा तय करने का अधिकार राज्यों को दिया है। मसलन पंजाब सरकार ने अपने दिशानिर्देशों के तहत मॉलों में प्रवेश के लिए टोकन देने की प्रणाली अपनाई है। गुजरात में कुछ धार्मिक स्थलों ने पालियों में प्रार्थना आयोजित करने का फैसला किया है और श्रद्धालुओं के आने के लिहाज से समय निर्दिष्ट करते हुए टोकन प्रणाली शुरू की है ताकि सामाजिक दूरी के नियम का पालन हो और भीड़-भाड़ नहीं हो। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल और निजी अस्पताल कोरोना वायरस संकट के दौरान केवल दिल्लीवासियों का इलाज करेंगे वहीं शहर की सीमाएं सोमवार से फिर खुल जाएंगी।
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केजरीवाल ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि केंद्र संचालित अस्पतालों में इस तरह की कोई पाबंदी नहीं होगी और अगर दूसरे राज्यों से लोग किसी विशेष सर्जरी के लिए दिल्ली आते हैं तो वे निजी अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम कल दिल्ली की सीमाएं खोलने जा रहे हैं। मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल खुलेंगे लेकिन होटल और बैंक्वेट हॉल बंद रहेंगे क्योंकि हमें आने वाले समय में उन्हें अस्पतालों में तब्दील करना पड़ सकता है।’’ इस बीच, केंद्र ने लॉकडाउन लागू करने के समय का बचाव किया तथा इन खबरों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया कि उसने रणनीति बनाने में तकनीकी विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली।
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सरकार ने यह भी कहा कि वह सामने आ रही जानकारी और जमीनी अनुभवों के आधार पर कोविड-19 के खिलाफ रणनीति को दुरुस्त कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मीडिया का एक धड़ा महामारी से लड़ने को लेकर भारत के फैसलों पर खबरें दे रहा है। सरकार ने जोर दिया कि कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि की पुष्ठभूमि में लॉकडाउन का फैसला किया गया। मंत्रालय ने कहा कि संक्रमित मामलों के दोगुना होने की दर निम्न स्तर पर है, जिसके बढ़ने से अधिक मामले सामने आए और मृत्यु दर बढ़ने का खतरा था, जैसा कई पश्चिमी देशों ने अनुभव किया। कोविड-19 मरीजों की बाढ़ से स्वास्थ्य सेवा के धराशायी होने की आशंका वास्तविकता हो जाती। बयान में कहा गया कि लॉकडाउन को लेकर सभी राज्य सरकारों के बीच सहमति थी। मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने पहले ही लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों से लाखों संक्रमण और हजारों मौतों के टलने संबंधी सूचना साझा की है। इससे स्वास्थ्य प्रणाली और लोगों की तैयारियों में बहुत फायदा हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि नीतियों और रणनीति को लगातार संशोधित करने की जरूरत है ताकि देश के सामने तेजी से बदल रही परिस्थितियों का सामना किया जा सके। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भी आठ जून से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत 820 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों को खोलने की मंजूरी दे दी है, जिनमें पूजास्थल हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह जानकारी दी। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत कर्नाटक सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखने, तीर्थ (पवित्र जल) या प्रसाद नहीं बांटने और विशेष पूजा अर्चना पर रोक रखने के नियम तय किये हैं। गोवा में चर्च और मस्जिदों को कुछ और समय तक बंद रखने का फैसला लिया गया है।
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महाराष्ट्र सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने पर अभी फैसला नहीं किया है। दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि ऐतिहासिक मस्जिद सोमवार से खुलेगी जिसमें सुरक्षा के सभी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर धार्मिक स्थलों को खोलने पर पुनर्विचार करना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित सभी धार्मिक स्थलों को सोमवार से खुलने की अनुमति है। बुखारी ने कहा कि लोगों से कहा गया है कि वे मस्जिद में नमाज के लिए आने से पहले अपने घर में ही वजू करें। मस्जिद में वजू के काम आनी वाली हौज खाली कर दी गई है, नमाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दरियां हटा दी गई हैं और लोग अपने घरों से चटाई लेकर आएंगे। एक-दूसरे के शरीर से दूरी बरकरार रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए गए हैं, ताकि लोगों के बीच पर्याप्त दूरी रह सके। उन्होंने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को मस्जिद आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सीसगंज, रकाबगंज और बंगला साहिब गुरद्वारों में भी संक्रमणमुक्ति सुरंग स्थापित की गई हैं। सिरसा ने कहा, ‘‘समूचे परिसरों को नियमित तौर पर संक्रमणमुक्त किया जा रहा है। जिस स्थान पर लोग गुरु ग्रंथ साहिब को नमन करते हैं, उस स्थान पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। एक-दूसरे के शरीर से दूरी सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की संख्या बढ़ा दी गई है।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को सिर ढंकने के लिए कपड़ा नहीं दिया जाएगा, उन्हें अपना खुद का कपड़ा सिर पर रखना होगा। गुरुद्वारे में जूते-चप्पल संभालने का काम नहीं होगा और पैरों को साफ करने के लिए संक्रमणमुक्त पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। सिरसा ने कहा कि श्रद्धालुओं को गुरुद्वारों में बैठने की अनुमति नहीं होगी और अरदास करने के तुरंत बाद उन्हें बाहर जाना होगा। बिशप अनिल कोउतो, दिल्ली, आर्चडियोसीज ने कहा कि रोमन कैथलिक चर्च के तहत आने वाले गिरजाघर सोमवार से तत्काल नहीं खुलेंगे।
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