राज्यसभा का सियासी घमासान, कांग्रेस की रिजॉर्ट पॉलिटिक्स, जिस रिजॉर्ट में ठहरे विधायक उसके खिलाफ FIR दर्ज
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावडा ने गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आबू रोड में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कोरोना वायरस संकट के चलते जहां सरकार को लोगों के जीवन को बचाने का काम करना चाहिए वहीं सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग करके जनप्रतिनिधियों को धमकाने और खरीद-फरोख्त का काम कर रही है।
अहमदाबाद। कांग्रेस ने रविवार को गुजरात के अपने 21 विधायकों को राजस्थान के आबू रोड पर एक रिसॉर्ट में भेज दिया और आरोप लगाया कि चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव से पहले भाजपा खरीद-फरोख्त में लगी है। गुजरात में कांग्रेस के तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी ने इससे पहले अपने विधायकों को राजकोट, बनासकांठा जिले के अंबाजी तथा आणंद के तीन रिसॉर्ट में भेज दिया था। हालांकि राजकोट जिले के एक रिसॉर्ट के खिलाफ लॉकडाउन के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में रविवार को पुलिस शिकायत दर्ज की गयी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘‘गुजरात कांग्रेस के 21 विधायक आबू रोड के रिसॉर्ट में रूके हुए हैं। उत्तर गुजरात से सोमवार को और विधायक आएंगे।’’ आबू रोड राजस्थान के सिरोही जिले में है और इसकी सीमा गुजरात के बनासकांठा से लगती है।
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गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावडा ने गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आबू रोड में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कोरोना वायरस संकट के चलते जहां सरकार को लोगों के जीवन को बचाने का काम करना चाहिए वहीं सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग करके जनप्रतिनिधियों को धमकाने और खरीद-फरोख्त का काम कर रही है। हमारे विधायक आगामी रणनीति पर विचार करने लिए यहां ठहरे हुए है।’’ भाजपा ने खरीद-फरोख्त के आरोपों को खारिज कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने मार्च में भी अपने विधायकों को जयपुर के एक रिसॉर्ट में भेजा था। तब 26 मार्च को प्रस्तावित राज्यसभा चुनावों से पहले उसके पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तब कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के चलते चुनाव टल गये थे। गुजरात पुलिस ने राजकोट के नीलसिटी रिसॉर्ट के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ लॉकडाउन अधिसूचना का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए कांग्रेस विधायकों के लिए रिसॉर्ट खोलने को लेकर भादंसं की संबंधित धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
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अधिसूचना के अनुसार होटलों और रेस्तरांओं के सोमवार तक खुलने पर रोक थी। यूनिवर्सिटी रोड थाने के निरीक्षक आर एस ठाकर ने कहा, ‘‘ हमने नीलसिटी रिसॉर्ट के मालिक और प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जहां कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं। उन पर रिसॉर्ट खोलकर लॉकडाउन अधिसूचना का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है।’’ केंद्र और राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार होटल और रेस्तरां आठ जून से अपना कामकाज बहाल कर सकते हैं जबकि सौराष्ट्र क्षेत्र के कांग्रेस विधायक शनिवार को ही राजकोट के इस रिसॉर्ट में ठहराये गये थे। पिछले कुछ दिन में कांग्रेस के अक्षय पटेल, जीतू चौधरी और ब्रजेश मेरजा ने विधायकों के रूप में इस्तीफा दे दिया। इससे पहले प्रवीण मारू, प्रद्युम्नसिंह जडेजा, सोमन पटेल, जे वी काकिडिया और मंगल गावित ने मार्च में इस्तीफे दे दिये थे। भाजपा के विधानसभा में 103 सदस्य हैं और उसने राज्यसभा चुनाव में अभय भारद्वाज, रामीलाबेन बारा तथा नरहरि अमीन को उतरा है।
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कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 65 हो जाने के बाद पार्टी को दो राज्यसभा सीटें जीतने में मुश्किल आ सकती है जिनके लिए उसने वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी और शक्तिसिंह गोहिल को उतारा है। कांग्रेस के एक विधायक ने कहा कि सोलंकी, गोहिल के बाद दूसरी प्राथमिकता में हैं। कांग्रेस विधायक विक्रम मदम ने कहा, ‘‘सभी 65 विधायक एकजुट हैं। कांग्रेस में कोई भीतरी गुटबाजी नहीं है। भरत सिंह सोलंकी खुद जानते हैं कि वह दूसरे उम्मीदवार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह पार्टी का फैसला है। हम पार्टी के निर्देशानुसार वोट डालेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित भाई चावडा ने भी घोषणा की है कि शक्ति सिंह पहले उम्मीदवार हैं।’’ सदन की प्रभावी संख्या इस समय 172 है क्योंकि दस सीटें अदालतों के मामलों तथा इस्तीफों के कारण खाली हैं।
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