रेत खनन मामले में HC से 3 ठेकेदारों को राहत, ईडी के समन पर लगाई रोक
तीन निजी ठेकेदारों, ए राजकुमार, शनमुगम रामचंद्रन और के रेथिनम ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत ईडी द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में अवैध रेत खनन के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तीन निजी ठेकेदारों को जारी किए गए समन पर शुक्रवार को रोक लगा दी। ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन रमेश ने कहा कि न्यायमूर्ति एसएस सुंदर और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की पीठ ने समन की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। तीन निजी ठेकेदारों, ए राजकुमार, शनमुगम रामचंद्रन और के रेथिनम ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत ईडी द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
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याचिकाओं में तर्क दिया गया कि उन्हें तलब किया गया था, हालांकि पिछले सितंबर में ईडी द्वारा दायर ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) या राज्य पुलिस द्वारा दर्ज किसी भी आपराधिक मामले में उनका नाम नहीं था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दिसंबर में जारी किए गए समन में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया था कि उनसे संदिग्धों या गवाहों के रूप में पूछताछ की जानी है या नहीं। ईडी ने कहा कि चूंकि जांच शुरुआती चरण में है। इसलिए तीनों याचिकाकर्ताओं को संघीय एजेंसी के साथ सहयोग करना होगा।
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ठेकेदारों ने रेत खनन मामले के संबंध में अरियालुर, करूर, तंजावुर, त्रिची और वेल्लोर के पांच जिला कलेक्टरों को जारी किए गए ईडी समन पर उच्च न्यायालय की रोक का भी हवाला दिया था। तमिलनाडु सरकार ने इस आधार पर समन को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था कि यह अधिकार क्षेत्र के बिना, अनुचित और कानून का उल्लंघन है।
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