Elgar Parishad Case: गौतम नवलखा को SC से नहीं मिली राहत, जमानत पर रोक बरकरार
अदालत ने एजेंसी की अपील को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के पास भेज दिया, जब उसे बताया गया कि एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में अन्य आरोपियों के समान जमानत मामले शीर्ष अदालत की अन्य पीठों के समक्ष लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक बढ़ा दी, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुरोध के बाद भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दी गई थी। अदालत ने एजेंसी की अपील को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के पास भेज दिया, जब उसे बताया गया कि एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में अन्य आरोपियों के समान जमानत मामले शीर्ष अदालत की अन्य पीठों के समक्ष लंबित हैं।
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एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती देते हुए अपील की थी, जिसमें 72 वर्षीय कार्यकर्ता को जमानत दी गई थी। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश को तीन सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया था ताकि एनआईए शीर्ष अदालत में अपील दायर कर सके, जो 9 जनवरी को समाप्त होने वाली थी।
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न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और एसवीएन भट्टी की एससी पीठ ने शुक्रवार को कहा कि उच्च न्यायालय ने 19 दिसंबर के अपने आदेश से अपने फैसले पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी है, इसलिए इसे सीजेआई द्वारा मामले को एक पीठ के समक्ष आवंटित करने तक बढ़ाया जाता है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के नेतृत्व में नवलखा के वकीलों के बीच विवाद उत्पन्न होने के बाद अदालत ने अपील पर नोटिस जारी नहीं किया।
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