Mahakaleshwar Mandir में मनाई गई रंगपंचमी, टेसू के फूलों से बने रंग में रंगे महाकाल, रंगों से सराबोर हुए श्रद्धालु
देश भर में होली के बाद 12 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इसी रंग पंचमी का उल्लास भी महाकाल मंदिर में रविवार को दिखाई दिया। यहां भक्तों से लेकर पंडितों ने जमकर महाकाल के साथ रंगपंचमी का त्योहार मनाया।
भारत भर में 12 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। रंगपंचमी का उल्लास महाकाल मंदिर में भी देखने को मिला। महाकाल मंदिर से ही रंगपंचमी की शुरुआत हुई जब यहां सबसे पहले महाकाल को रंग अर्पित किया गया। इसके बाद पंडितों और पुजारियों ने मिलकर गर्भगृह से नंदी हॉल तक रंग उड़ाया। इसी के साथ सभी रंचपंचमी के रंग में डूबे दिखे।
जानकारी के मुताबिक महाकाल को सबसे पहले टेसू के फूलों से बना रंग लगाया गया। भक्तों पर भस्म आरती के समय रंग और गुलाल उड़ाया गया। इसी के साथ पूरा नंदी हॉल गुलाल और रंग में भीग गया। बता दें कि रंगपंचमी के त्योहार के लिए पुजारियों ने तीन क्विंटल टेसू के फूलों से बना प्राकृतिक रंग तैयार किया था।
रंगपंचमी की शुरुआत जैसे ही महाकाल मंदिर में हुई उसके बाद ही शहर भर में रंगपंचमी भी धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान युवाओं ने सड़कों पर मस्ती में रंग पंचमी मनाई और गुलाल उड़ाया। शहर के लोगो में रंग पंचमी को लेकर अलग ही उत्साह देखने को मिला। बता दें कि रंगपंचमी के मौके पर महाकाल मंदिर, सिंहपुरी, कार्तिक चौक और भागसीपुरा से पारंपरिक गेर निकली जाती है। भक्त बैंड बाजा, ढोल की थाप के साथ बहादुरी और जीत का प्रतीक ध्वजा लेकर निकलेंगे।
बता दें कि रंग पंचमी का त्योहार देश के कुछ ही हिस्सों में मनाया जाता है। रंग पंचमी के पर्व पर अलग ही उत्साह और उमंग देखने को मिलता है। इस पर्व की शुरुआत सुबह चार बजे महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती से हुई है। भगवान महाकाल को भांग, सूखे मेवे, गुलाल, कंकू, चंदन लगाया गया और उनका श्रृंगार किया गया इसके बाद भस्म से उनकी आरती की गई। इसके बाद भगवान महाकाल को रंगपंचमी का पहला रंग चढ़ाया गया। इसके बाद देशभर में रंगपंचमी की धूम दिखाई दी।
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