मई में कोविंद को राष्ट्रपति की आरामगाह में प्रवेश से रोका गया था

[email protected] । Jun 20 2017 3:33PM

राम नाथ कोविंद पिछले महीने के अंत में अपने परिवार के साथ शिमला की एक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति एस्टेट के भाग रिट्रीट बिल्डिंग जाना चाहते थे लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया था।

शिमला। बिहार के राज्यपाल एवं राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद पिछले महीने के अंत में अपने परिवार के साथ शिमला की एक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति एस्टेट के भाग रिट्रीट बिल्डिंग जाना चाहते थे लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया था। चर्चाओं से दूर रहने वाले कोविंद अब से कुछ सप्ताह बाद राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास के संरक्षक की भूमिका निभा सकते हैं। रिट्रीट बिल्डिंग यहां से 15 किलोमीटर दूर स्थित है।

71 वर्षीय कोविंद और उनका परिवार यहां 28 मई को पहुंचे थे और वे टैक्सी किराए पर लेकर शहर के कई स्थानों पर गए थे लेकिन जब वे मशोबरा की पहाड़ियों में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र स्थित रिट्रीट पहुंचे तो वे परिसर में प्रवेश नहीं कर सके क्योंकि उनके पास आवश्यक पूर्वानुमति नहीं थी। आजादी के बाद वायसरीगल लॉज को राष्ट्रपति भवन के रूप में तब्दील कर दिया गया था और उसके बाद इस रिट्रीट को प्रेजीडेंशियल एस्टेट के हिस्से के रूप में विकसित किया गया था। राष्ट्रपति साल में कम से कम एक बार रिट्रीट आते हैं और उनके यहां आवास के दौरान मुख्य कार्यालय भी यहीं स्थानांतरित हो जाता है।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के सलाहकार शशि कांत ने कहा, 'बिहार के राज्यपाल कल्याणी हेलीपेड गए थे जिसे विशेष रूप से राष्ट्रपति के लिए बनाया गया है और मैंने उन्हें सलाह दी कि वे शिमला के जलग्रहण क्षेत्र के वनों की यात्रा करें जो दुनिया के ऐसे वनों में से एक है जिनका सबसे अच्छी तरह रखरखाव किया जाता है। वे वहां की हरियाली एवं प्राकृतिक सुंदरता से मोहित हो गए थे।' कोविंद खबरों से दूर रहते हैं। शिमला की यात्रा के दौरान उन्होंने और उनकी पत्नी ने आधिकारिक वाहन का इस्तेमाल किया लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों ने किराए पर ली गई टैक्सी प्रयोग की। राज्यपाल माल रोड एवं रिज गए। उन्होंने यहां बढ़ते यातायात जाम पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए इस समस्या को दूर किया जाना चाहिए। उन्हें सड़क मार्ग से चंडीगढ़ से शिमला पहुंचने में साढ़े पांच घंटे लगे जबकि अमूमन इसमें ढाई घंटे का समय लगता है। उल्लेखनीय है कि आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति पद का चुनाव 17 जुलाई को होगा।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़