राज्यसभा का मकसद रोड़े अटकाना नहीं: हामिद अंसारी
उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि राज्यसभा का उद्देश्य विधेयकों में देरी करना या रोड़े अटकाना नहीं, बल्कि अहम विधेयकों पर एक बार फिर गौर करना है।
उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि राज्यसभा का उद्देश्य विधेयकों में देरी करना या रोड़े अटकाना नहीं, बल्कि अहम विधेयकों पर एक बार फिर गौर करना है। राज्यसभा के सभापति अंसारी ने कहा कि संविधान के निर्माताओं ने दो सदनों वाली विधायिका का फैसला ‘‘उद्देश्यपूर्वक और सोच-समझकर’’ लिया था और इसका मकसद ‘‘पुनर्विचार की जगह’’ मुहैया कराना था। मंगलवार को यहां संसद भवन में ‘राज्यसभा ऐट वर्क’ नाम की किताब के विमोचन के अवसर पर अंसारी ने कहा, ‘‘इसका (राज्यसभा का) मकसद निश्चित तौर पर देरी करने का तो नहीं था, इसका मकसद रोड़े अटकाना भी नहीं था।’’
उप-राष्ट्रपति की टिप्पणियां इसलिए अहम हैं क्योंकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अहम विधेयकों के पारित होने में देरी के लिए अक्सर राज्यसभा को जिम्मेदार ठहराती रही हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उच्च सदन की आलोचना करते हुए कहा था, ‘‘प्रत्यक्ष तौर पर निर्वाचित सदन (लोकसभा) की समझदारी पर परोक्ष तौर पर निर्वाचित सदन (राज्यसभा) की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं।’’ अंसारी ने कहा कि ‘‘दूसरी बार गौर करना’’ हमेशा फायदेमंद होता है और राज्यसभा ने विधेयकों में कुछ ‘‘घटाया नहीं’’ बल्कि कुछ लाभदायक चीजें जोड़ी ही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सदस्य जिंदगी के विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं और उनके पास व्यापक अनुभव होता है। अंसारी ने कहा, ‘‘इसी से दूसरी बार गौर करना इतना प्रासंगिक हो जाता है। कई कानून अदालत में ले जाए जा रहे हैं। इसकी एक वजह यह है कि मसौदा तैयार करने पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक का मसौदा तैयार करने वाले बहुत सक्षम लोग हैं, लेकिन आप इस पर एक ही पहलू से देखते हैं, न्यायाधीश किसी और पहलू से देखते हैं। जहां न्यायिक परख की बात होती है तो वहां एक छोटा सा कोमा या सेमीकोलन भी बड़ा फर्क पैदा कर देता है।’'
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