राजनाथ ने 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट को किया लॉन्च, बोले- जवानों के त्याग और बलिदान की वजह से हमारा देश सुरक्षित
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि आजादी के बाद से ही हमारी सेना के वीर जवानों ने किन-किन हालातों का सामना कर देश को सुरक्षित रखा है उसका पूरा वर्णन करना कठिन है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सन 1962 के युद्ध में राष्ट्र के आह्वान पर देश की जनता ने दिल खोल कर दान किया था जिससे हमारे सैनिकों की अस्त्र-शस्त्र से लेकर वस्त्र तक की जरूरतें पूरी हो सकें।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में आयोजित एक समारोह में सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष (AFBCWF) के लिए 'मां भारती के सपूत' (MBKS) वेबसाइट को लॉन्च किया। यह वेबसाइट देश के आम लोगों के लिए बनाया गया है जो युद्ध के दौरान शहीद या गंभीर रूप से घायल रक्षा कर्मियों के परिजनों के लिए योगदान देंगे। वेबसाइट का उद्देश्य नागरिकों को नेक कार्य में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। भारत के स्टार अभिनेता अमिताभ बच्चन इस पहल के लिए सद्भावना राजदूत है। वेबसाइट लॉन्च के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये कार्यक्रम हमारे उन वीरों को समर्पित है जिनके त्याग और बलिदान की वजह से हमारा देश सुरक्षित है।
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रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि आजादी के बाद से ही हमारी सेना के वीर जवानों ने किन-किन हालातों का सामना कर देश को सुरक्षित रखा है उसका पूरा वर्णन करना कठिन है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सन 1962 के युद्ध में राष्ट्र के आह्वान पर देश की जनता ने दिल खोल कर दान किया था जिससे हमारे सैनिकों की अस्त्र-शस्त्र से लेकर वस्त्र तक की जरूरतें पूरी हो सकें। हमारी माताओं, बहनों और बहुओं ने अपने गहने और लोगों ने अपने जीवनभर की पूंजी हमारी सेनाओं को दान कर दी थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह कार्यक्रम हमारे नायकों को समर्पित है। उनके बलिदान से ही हमारा देश सुरक्षित है। चाहे युद्ध जीतना हो या भारत की अखंडता के लिए लड़ना हो या सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करना हो, हमारे सशस्त्र बलों ने बड़े उत्साह के साथ चुनौतियों का जवाब दिया है।
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राजनाथ ने कहा कि सैनिकों ने जो किया है उसे हम चुका नहीं सकते, यह हमारा नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम शहीदों के परिवारों और घायल वीर सैनिकों की सहायता करें। यह कोष तीनों सेनाओं का एक कोष है जिसका इस्तेमाल संघर्ष के दौरान हताहत सैन्य कर्मियों के परिजनों और आश्रितों को अनुग्रह राशि के रूप में तत्काल आर्थिक सहायता देने के लिए किया जाता है। इससे पहले राजनाथ ने कहा था कि केंद्र सरकार भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिये तैयार रहने के वास्ते रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने को प्रतिबद्ध है।
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