Rajasthan Police अलग अंदाज में लोगों के साथ मना रही है ‘वैलेंटाइन वीक’

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सोशल मीडिया मंच पर संदेशों की एक श्रृंखला में बताया गया है कि चाहे महिलाएं हों या बच्चे, साइबर अपराध के पीड़ित हों या भ्रष्टाचार के शिकार, वे हेल्पलाइन नंबर से तत्काल मदद प्राप्त कर सकते हैं। आठ पोस्ट की इस श्रृंखला को ‘वैलेंटाइन विद हेल्पलाइन’ नाम दिया गया है।

जयपुर। राजस्थान पुलिस ने महिलाओं, बच्चों समेत सभी लोगों को अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर ‘वैलेंटाइन वीक’ नाम से एक अनूठी श्रृंखला चलायी है। ‘वैलेंटाइन वीक’ को प्यार से जोड़ने के बजाय पुलिस ने लोगों को हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूक किया है। सोशल मीडिया मंच पर संदेशों की एक श्रृंखला में बताया गया है कि चाहे महिलाएं हों या बच्चे, साइबर अपराध के पीड़ित हों या भ्रष्टाचार के शिकार, वे हेल्पलाइन नंबर से तत्काल मदद प्राप्त कर सकते हैं। आठ पोस्ट की इस श्रृंखला को ‘वैलेंटाइन विद हेल्पलाइन’ नाम दिया गया है। 

सात फरवरी को ‘रोज डे’ के मौके पर शुरू किए गए इस अभियान के पहले दिन शायराना अंदाज में उपद्रवियों को चेतावनी दी गई है। इसमें कहा गया है कि अगर ‘रोज डे’ पर लड़कियों को कोई जबरन गुलाब देता है तो पुलिस उसे सबक सिखाने के लिए तैयार है। अगर कोई ऐसा करता है तो हेल्पलाइन नंबर 1090 पर शिकायत की जा सकती है। इसे दिलचस्प तरीके से समझाते हुए पुलिस ने हिंदी में लिखा है, ‘‘उसे जबरन गुलाब-ए-गुल दे दिया, उसने हेल्पलाइन 1090 पर फोन किया और हमने सबक सिखा दिया।” 

इसी तरह दूसरी पोस्ट में साइबर हेल्पलाइन के बारे में जानकारी देते हुए सावधानी बरतने को कहा गया है। इसमें साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 का जिक्र करते हुए एक कविता लिखी गई है कि, ‘‘उसने किया प्रपोज और पासवर्ड-ओटीपी ले लिया। पल भर में वफ़ा के नाम पर बैंक का खाता खाली कर दिया।” जागरूकता हेल्पलाइन नंबर में 1090 (महिला हेल्पलाइन), 1064 (भ्रष्टाचार के लिए हेल्पलाइन), 1098 (बाल सहायता), 1930 (साइबर अपराध हेल्पलाइन), 18001801253 (वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन) शामिल हैं। 

राजस्थान पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आमजन के लिए सेवाओं को और विकसित करते हुए डिजिटल माध्यमों से नागरिकों और पुलिस के बीच एक मजबूत सेतु बनाने का विनम्र प्रयास। इस डिजिटल माध्यम से कानून व्यवस्था से संबंधित आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान।’’ पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह लोगों को जोड़ने का एक रचनात्मक तरीका है और इस तरह की पहल से जागरूकता बढ़ी है। इन पोस्ट को एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर साझा किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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