Prabhasakshi NewsRoom: US में Rahul Gandhi ने की China की तारीफ, Giriraj Singh ने देशद्रोह का मुकदमा चलाने की माँग की

Rahul Gandhi
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि भारत की तारीफ करने की बजाय वे (राहुल गांधी) भारत के बाहर जाकर भारत को ही गाली दे रहे हैं, चीन की तारीफ कर रहे हैं। लगता है कि वे चीन के पैसों पर ही पल रहे हैं तभी वे बाहर जाकर चीन का प्रचार कर रहे हैं।

राहुल गांधी वैसे तो भारतीय नेता हैं लेकिन जब भी वह विदेशी दौरों पर जाते हैं तो वहां दिये जाने वाले अपने संबोधनों में भारत की कमियां गिनाते हैं और दूसरे देशों का गुण गाते हैं। लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद भी उनकी इस आदत में कोई बदलाव नहीं आया है। इस समय राहुल गांधी अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। रविवार को वह जब डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे तो उन्होंने चीन की तारीफ करनी शुरू कर दी। हम आपको बता दें कि भाजपा पहले भी कांग्रेस खासकर गांधी परिवार के चीन के साथ रिश्तों पर सवाल उठाती रही है। अब जब राहुल गांधी ने चीन की सराहना की तो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उन पर तगड़ा पलटवार कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि भारत की तारीफ करने की बजाय वे (राहुल गांधी) भारत के बाहर जाकर भारत को ही गाली दे रहे हैं, चीन की तारीफ कर रहे हैं। लगता है कि वे चीन के पैसों पर ही पल रहे हैं तभी वे बाहर जाकर चीन का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए जो भारत के बाहर जाकर भारत की निंदा करते हैं और दुश्मन देशों की तारीफ करते हैं।

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भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल का बयान

वहीं दिल्ली के चांदनी चौक से भाजपा सांसद और देश के बड़े व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि राहुल गांधी ने चीन का जिक्र करके एक बार फिर देश को बता दिया है कि उन्हें चीन से कितना प्यार है। उन्होंने कहा है कि पूरा देश चीनी सामान का बहिष्कार करने में जुटा है मगर राहुल गांधी द्वारा भारत में रोजगार की समस्या का जिक्र करना दिखाता है कि वह भारत के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद आज रोजगार के लाखों अवसर सृजित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर रोजगार की समस्या है तो इसका कारण है कि कांग्रेस अपने लंबे समय के शासन में ऐसी व्यवस्था नहीं बना पाई कि जितनी जनसंख्या बढ़े उसी अनुपात में रोजगार सृजित हो। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने 10 साल में रोजगार के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा योजना तथा स्वनिधि योजना आदि के जरिए भी रोजगार सृजन की दिशा में बेहतरीन काम किया है। प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि राहुल गांधी को समझना चाहिए कि वह क्या और कब कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष के नेता इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान देंगे तो जनता इसका जवाब देगी।

राहुल गांधी का चीन संबंधी बयान

जहां तक राहुल गांधी के बयान की बात है तो हम आपको बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत में उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है इसलिए वह बेरोजगारी का सामना नहीं कर रहा है जबकि भारत और अमेरिका समेत पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान, राहुल गांधी ने कहा कि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है और अगर देश उत्पादन के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दे तो वह चीन से प्रतिस्पर्धा कर सकता है। उन्होंने शिक्षा प्रणाली पर ‘‘वैचारिक कब्जे’’ का जिक्र करते हुए व्यावसायिक प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि व्यापार प्रणाली और शिक्षा प्रणाली के बीच की खाई को पाटा जा सके।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘पश्चिमी देशों में रोजगार की समस्या है। भारत में रोजगार की समस्या है... लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है। चीन में निश्चित रूप से रोजगार की समस्या नहीं है। वियतनाम में रोजगार की समस्या नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप 1940, 50 और 60 के दशक के अमेरिका को देखें, तो यह देश वैश्विक उत्पादन का केंद्र था। जो कुछ भी बनाया जाता था, (चाहे वह) कार हो, वॉशिंग मशीन हो (या) टीवी हो, सब अमेरिका में बनाया जाता था। अमेरिका में उत्पादन कम होने लगा। इसने कोरिया और फिर जापान का रुख किया। अंतत:, चीन उत्पादन का केंद्र बन गया। अगर आप आज देखें, तो वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश, अमेरिका, यूरोप और भारत ने ‘‘उत्पादन के विचार को छोड़ दिया है’’ और उन्होंने इसे चीन को सौंप दिया है। राहुल गांधी गांधी ने कहा, ‘‘उत्पादन का कार्य रोजगार पैदा करता है। हम जो करते हैं, अमेरिकी जो करते हैं, पश्चिमी देश जो करते हैं, वह है उपभोग को व्यवस्थित करना... भारत को उत्पादन के कार्य और उत्पादन को व्यवस्थित करने के बारे में सोचना होगा...।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह स्वीकार्य नहीं है कि भारत केवल यह कहे कि ठीक है, विनिर्माण, जिसे आप विनिर्माण या उत्पादन कहते हैं, वह चीनियों के लिए आरक्षित रहेगा। यह वियतनामियों के लिए आरक्षित रहेगा। यह बांग्लादेश के लिए आरक्षित रहेगा।’’ उन्होंने विनिर्माण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, हमें बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा और स्पष्ट रूप से यह टिकाऊ नहीं है। इसलिए आप देखेंगे कि अगर हम विनिर्माण को भूलने के इस रास्ते पर चलते रहेंगे, तो आप भारत, अमेरिका और यूरोप में भारी सामाजिक समस्याओं को देखेंगे। हमारी राजनीति का ध्रुवीकरण इसी वजह से है...।’’ 

राहुल गांधी का आरएसएस पर हमला

राहुल गांधी ने टेक्सास में एक अन्य कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता का अभाव है और उन्होंने यह मानने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भी आलोचना की कि भारत ‘‘एक विचार’’ है। राहुल ने लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ अपने पहले संवाद के दौरान डलास में रविवार को ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस मानता है कि भारत एक विचार है। हम मानते हैं कि भारत विचारों की विविधता वाला देश है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की तरह हमारा भी मानना है कि हर किसी को भागीदारी की अनुमति दी जानी चाहिए। हम मानते हैं कि हर किसी को सपने देखने का हक होना चाहिए और जाति, भाषा, धर्म, परंपरा, इतिहास की परवाह किए बगैर हर किसी को अवसर मिलना चाहिए।’’

राहुल ने कहा, ‘‘यही लड़ाई है। चुनाव में यह लड़ाई तब चरम पर पहुंच गयी जब भारत में लाखों लोगों को साफ समझ आ गया कि भारत के प्रधानमंत्री देश के संविधान पर हमला कर रहे हैं। मैं आपसे कह रहा हूं कि (भारत) एक राज्यों का संघ है, वहां भाषाओं का सम्मान है, धर्मों का सम्मान है, परंपराओं का सम्मान है, जाति का सम्मान है। यह सब संविधान में है।’’ कांग्रेस नेता ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी भूमिका भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता के मूल्यों को स्थापित करने की है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारी राजनीतिक प्रणालियों और दलों में जिस चीज का अभाव है, वह प्रेम, सम्मान और विनम्रता है। सभी मनुष्यों से प्रेम, जरूरी नहीं कि केवल एक धर्म, एक समुदाय, एक जाति, एक राज्य या एक भाषा बोलने वाले लोगों से ही प्रेम हो।’’

राहुल ने कहा, ‘‘हर उस व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए जो भारत का निर्माण करने का प्रयास कर रहा है, न केवल सबसे शक्तिशाली बल्कि सबसे कमजोर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए और विनम्रता केवल दूसरों में नहीं, बल्कि स्वयं में होनी चाहिए। मुझे लगता है कि मैं अपने आप को इसी तरह देखता हूं।’’ लोकसभा चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अपने दम पर बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के परोक्ष संदर्भ में राहुल ने कहा, ‘‘लोग कह रहे थे कि भाजपा हमारी परंपरा पर हमला कर रही है, हमारी भाषा आदि पर हमला कर रही है। उन्हें समझ आ गया कि जो भी भारत के संविधान पर हमला कर रहा है, वह हमारी धार्मिक परंपरा पर भी हमला कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि चुनाव नतीजे आने के कुछ मिनटों के भीतर भारत में कोई भी भाजपा, प्रधानमंत्री से डर नहीं रहा था। ये बड़ी उपलब्धियां हैं। ये भारत के लोगों की बड़ी उपलब्धियां हैं जिन्होंने लोकतंत्र को महसूस किया, जिन्होंने महसूस किया कि हम अपने संविधान पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपने धर्म पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपने राज्यों पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे।’’

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