कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को साझेधार बनाएं प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

narendra modi

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को जिला अधिकारियों पर भरोसा करना ही होगा। अगर हम इसे केंद्रीकृत करते हैं, तो दिक्कत होगी।’’ उन्होंने आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मोदी इस लड़ाई में राज्यों को साझेदार बनाएं।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोगों के बीच से कोरोना वायरस से जुड़ा डर का माहौल खत्म करने की जरूरत पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस संकट के खिलाफ सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्रियों पर विश्वास करना एवं राज्यों को साझेदार बनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के कदमों में पारदर्शिता होनी चाहिए तथा सरकार छोटे कारोबारों की तत्काल मदद करे और गरीबों एवं मजदूरों के खातों में 7500 रुपये डाले। गांधी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा कि हमें छोटे कारोबारों, मजदूरों की मदद करनी होगी। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। अगर हम अभी मदद नहीं करते हैं तो (बेरोजगारी की) सुनामी आ जाएगी। 

इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति बने, डर के माहौल को करना होगा खत्म: राहुल गांधी 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें लॉकडाउन से बाहर निकलना है तो हमें डर खत्म करना होगा। यह बताना होगा कि कोरोना वायरस 99 प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक नहीं हैं। जिन एक फीसदी लोगों के लिए यह खतरनाक है उनकी हमें सुरक्षा करनी होगी।’’ गांधी ने कहा, ‘‘आज हमें यह भूलना होगा कि मैं मीडिया से हूं, कांग्रेस से हूं, आरएसएस से हूं या भाजपा से हूं। हम सबसे पहले हिन्दुस्तानी है। हमें हिन्दुस्तान के अंदर से डर निकालना होगा।’’ कांग्रेस नेता के मुताबिक सरकार को अब अपने कार्यों में थोड़ी पारदर्शिता बरतने की जरूरत है। लॉकडाउन खोलने के लिए मापदंडों को समझने की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार भारत के लोगों से उन मापदंडों के बारे में बताएं, जिनका उपयोग वो करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आज स्थिति सामान्य नहीं है। इसमें सामान्य समाधान नहीं निकलने वाला है। अगर हम विकेंद्रीकरण करके इस लड़ाई को जिला स्तर तक ले जाएं, तो समाधान निकल सकता है। अगर हम इस लड़ाई को पीएमओ तक रखेंगे, तो हार हो सकती है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को जिला अधिकारियों पर भरोसा करना ही होगा। अगर हम इसे केंद्रीकृत करते हैं, तो दिक्कत होगी।’’ उन्होंने आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मोदी इस लड़ाई में राज्यों को साझेदार बनाएं। कांग्रेस नेता के मुताबिक एक मज़बूत प्रधानमंत्री के साथ हमें मज़बूत मुख्यमंत्री , मज़बूत डीएम और भी बहुत सारे मज़बूत लोग चाहिएं जो समस्या को ज़मीन पर ही ख़त्म कर सकें। गांधी ने कहा, ‘‘एक बहुत ही मजबूत भावना है कि बिना देरी के एमएसएमई क्षेत्र के लिए पैकेज, गरीबों को पैसा दिया जाए। हमारे प्रवासियों के लिए एक रणनीति बनाएं और लॉकडाउन खोलने के लिए ठीक से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।’’

इसे भी पढ़ें: औरंगाबाद रेल हादसे पर बोले राहुल, मजदूरों के साथ हो रहे व्यवहार पर हमें शर्म आनी चाहिए 

कांग्रेस नेता कहा, ‘‘हम एक आपात स्थिति में हैं, हमें पूरी तरह से ‘न्याय’ योजना के विचार की आवश्यकता है। हमें तुरंत भारत के 50 फीसदी सबसे गरीब लोगों को 7500 रुपये देने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि किसी स्थान पर प्रवासी मजदूरों को रोकना बिल्कुल गलत और अमानवीय है।लएक सवाल के जवाब में गांधी ने यह भी कहा कि ‘पीएम केयर्स’ कोष का ऑडिट होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से राज्यों में स्थिति को लेकर मनमोहन सिंह जी, सोनिया गांधी जी और मेरी बात हुई है। उन्होंने विकेंद्रीकरण पर जोर दिया है।’’ आरोग्य सेतु से जुड़े सवाल पर गांधी ने कहा कि इस ऐप को हैकर्स ने क्रैक कर दिया है। मेरा इतना कहना है कि आप इसे ‘ओपेन सोर्स’ कीजिए। सिंगापुर के ऐप में ऐसा ही है। पारदर्शिता लाकर सरकार कोई भी ऐप चला सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़