सतलुज यमुना मामले में पंजाब-हरियाणा की बैठक 20 अप्रैल को
उच्चतम न्यायालय ने सतलुज यमुना संपर्क नहर प्रकरण की अंतिम सुनवाई आज 27 अप्रैल के लिये यह कहते हुये स्थगित कर दी कि वह सर्वमान्य समाधान के लिये दरवाजा बंद नहीं करना चाहता है।
उच्चतम न्यायालय ने सतलुज यमुना संपर्क नहर प्रकरण की अंतिम सुनवाई आज 27 अप्रैल के लिये यह कहते हुये स्थगित कर दी कि वह सर्वमान्य समाधान के लिये दरवाजा बंद नहीं करना चाहता है। न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ को सालिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने सूचित किया कि केन्द्र ने 20 अप्रैल को इस मामले को हल करने के उद्देश्य से पंजाब और हरियाणा के साथ एक बैठक बुलाई है।
न्यायालय ने सालिसीटर जनरल के इस कथन के बाद हालांकि मामले की अंतिम सुनवाई स्थगित कर दी लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि यदि कोई समाधान नहीं निकला तो वह अगली तारीख पर इस मामले में आगे सुनवाई शुरू कर देगा। सालिसीटर जनरल का कहना था, ‘‘20 अप्रैल को उच्च स्तर पर एक बैठक आयोजित की जा रही है। सरकार भी इसका समाधान खोजने की इच्छुक है।’’ रंजीत कुमार के इस बयान के बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई 27 अप्रैल के लिये स्थगित कर दी।
इससे पहले, हरियाणा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने ध्यान दिलाया कि यह मामला सतलुज यमुना संपर्क नहर के निर्माण के पक्ष में न्यायालय के फैसले पर अमल के संदर्भ में अंतिम सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है। इस पर, पीठ ने कहा, ‘‘हम सर्वमान्य समाधान के लिये दरवाजे बंद नहीं करना चाहते हैं।’’ पंजाब की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कहा कि वह हमेशा ही इस पक्ष में रहे हैं कि गतिरोध का समाधान न्यायालय के बाहर खोजा जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि यदि कोई समाधान नहीं निकला तो वह सुनवाई की अगली तारीख पर आगे कार्यवाही शुरू कर देगी।
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