पुलवामा हमला: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पाक से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीना

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अंकित सिंह । Feb 15 2019 1:17PM

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 37 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमलों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार सुबह सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने सभी बिंदुओं पर चर्चा की है। जेटली ने कहा कि कुटनीतिज्ञ तौर पर विदेश मंत्रायल पाकिस्तान को अलग-थलग करेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा ले लिया है।

इसके अलावा इस बैठक में शहीदों के लिए मौन रखा गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहे। ऐसी सूचना है कि शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हमले और राज्य में सुरक्षा के संबंध में अपनी प्रस्तुतियां दी हैं।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 37 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं।

भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था। व्यापार एवं शुल्क पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आम समझौते (जीएटीटी) के तहत एमएफएन का दर्जा दिया गया था। भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे और दोनों डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं। इसका अर्थ है कि उन्हें माल पर सीमा शुल्क लगाने के संबंध में एक-दूसरे और डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्यों के साथ तरजीही व्यापारिक साझेदार के रूप में व्यवहार करना होगा।

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एक व्यापार विशेषज्ञ ने कहा कि इस दर्जे को वापस लेने का अर्थ है कि भारत अब पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर किसी भी स्तर तक सीमा शुल्क को बढ़ा सकता है। भारत-पाकिस्तान का कुल व्यापार 2016-17 में 2.27 अरब डॉलर से मामूली बढ़कर 2017-18 में 2.41 अरब डॉलर हो गया है। भारत ने 2017-18 में 48.8 करोड़ डॉलर का आयात किया था और 1.92 अरब डॉलर का निर्यात किया था।  एमएफएन समझौते के तहत, डब्लयूटीओ के सदस्य देश अन्य व्यापारिक देशों के साथ गैर-भेदभावपूर्ण तरीके का व्यापार करने के लिए बाध्य है। खासकर सीमाशुल्क और अन्य शुल्कों के मामले में। भारत मुख्य रूप से कपास, डाई, रसायन, सब्जी, लौह और इस्पात का निर्यात करता है जबकि फल, सीमेंट, चमड़ा, रसायन और मसालों का आयात करता है। 

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