FCRA लाइसेंस रखने वाले NGO को विदेशी योगदान प्राप्त करने पर लगी रोक
एफसीआरए में मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, एफसीआरए लाइसेंस रखने वाले एनजीओ / संघ अपने प्रशासनिक योगदान जैसे वेतन आदि के लिए अपने विदेशी योगदान का 50% तक उपयोग कर सकते हैं।
एफसीआरए द्वारा प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों या संघों, प्रशासनिक खर्चों को पूरा करने के लिए अपने विदेशी योगदान के 20% से अधिक का उपयोग नहीं कर सकते हैं।FCRA (संशोधन) विधेयक, 2020 रविवार को लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध हुआ। साथ ही पब्लिक सरवेंट की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 21 के अनुसार होगी।
#BREAKING
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) September 20, 2020
FCRA Amendment Bill: No public servant, as defined in Sec 21 of IPC, can receive foreign contributions; NGOs can use only 20% (down from 50%) of foreign contributions towards admin expenses; aadhaar no of all key functionaries mandatory with application for FCRA licence https://t.co/pUOMIlNWd7
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एफसीआरए में मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, एफसीआरए लाइसेंस रखने वाले एनजीओ / संघ अपने प्रशासनिक योगदान जैसे वेतन आदि के लिए अपने विदेशी योगदान का 50% तक उपयोग कर सकते हैं। इस सीमा को घटाकर 20% करने का प्रस्ताव है। विधेयक के ऑब्जेक्ट्स अनुसार, हर साल हजारों करोड़ रुपये के विदेशी योगदान के उपयोग और वास्तविक गैर सरकारी संगठनों को सुविधा प्रदान करके एफसीआरए के प्रावधानों को नियमित करने की आवश्यकता है।
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एफसीआरए संशोधन विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, धारा 7 को किसी भी संघ या व्यक्ति को विदेशी योगदान के सौपने पर रोक लगाने के लिए संशोधित किया जाना है। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति जो पूर्व अनुमति के लिए आवेदन करता है या एफसीआरए के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन करता है या अपने एफसीआरए लाइसेंस का नवीनीकरण करता है, उसे अब अपने सभी पदाधिकारियों या निदेशकों या अन्य प्रमुख पदाधिकारियों की आधार संख्या अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी।
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