बच्चों में क्रूरता बढ़ा रहे ऑनलाइन गेम! खेलने से मना करने पर पिता का सिर काटा, तो किसी ने मां के सिर पर मारी गोली
मनोवैज्ञानिक के अनुसार, ऑनलाइन गेम खेलने वाले 99 प्रतिशत बच्चे बिहैवियर कन्डक्ट डिसआर्डर के शिकार हो जाते है जिसके कारण वह गहरे तनाव में रहते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पिछले दिनों केंद्र सरकार से कहा था कि वह बच्चों, किशोरों और युवाओं का ऑनलाइन गेमों की लत से बचाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाए।
तीन साल पहले एक खबर आई थी की एक युवक ने पबजी खेलने से मना किया तो बच्चे ने अपने पिता का सिर काट दिया था। ऐसा ही कुछ हफ्ते पहले यूपी के लखनऊ में मां ने अपने 17 साल के बेटे को ऑनलाइ गेम खेलने से मना किया तो रात के 3 बजे नाबालिग ने अपनी मां के सिर पर गोली चला दी। ऐसे वारदातों के बाद भी अगर सचेत नहीं हुए तो भविष्य में सामाजिक-पारिवारिक अनर्थों को अपना पीछा करते पाएंगे। बताते चले कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऑनलाइन गेमिंग को मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक बताया है। इसकी लत लगना काफी नुकसानदायक साबित होता है। यह कोकीन और जुए की लत से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है।मनोवैज्ञानिक भी बच्चों को ऑनलाइन गेम की लतों से दुर रहने के लिए आग्रह करते रहते हैं।
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मनोवैज्ञानिक के अनुसार, ऑनलाइन गेम खेलने वाले 99 प्रतिशत बच्चे बिहैवियर कन्डक्ट डिसआर्डर के शिकार हो जाते है जिसके कारण वह गहरे तनाव में रहते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पिछले दिनों केंद्र सरकार से कहा था कि वह बच्चों, किशोरों और युवाओं का ऑनलाइन गेमों की लत से बचाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाए। लेकिन अब तक सरकार की ओर से कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। अगर जल्द ही इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो वो दिन कम नहीं हैं जब भारत की भी स्थिति अमेरिका जैसी हो जाएगी। अमेरिका के स्कूल में आम दिनों अंधांधुंध फायरिंग होती रहती है जिसमें कई मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ जाती है।
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