सचिन पायलट की 'नाराजगी' को दूर कर पाएंगी प्रियंका गांधी? दिल्ली में दोनों की मुलाकात
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट की बगावत के दौरान राजनीतिक संकट को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी। एक बार फिर सचिन पायलट और अशोल गहलोत के बीच बअनबन के बाद बगावत के सुर तेज है। सचिन पायटल इस मुद्दे पर पार्टी में अंदर रहकर ही समाधान चाहते हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट की बगावत के दौरान राजनीतिक संकट को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी। एक बार फिर सचिन पायलट और अशोल गहलोत के बीच बअनबन के बाद बगावत के सुर तेज है। सचिन पायटल इस मुद्दे पर पार्टी में अंदर रहकर ही समाधान चाहते हैं। इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर असंतोष को दूर करने और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से किए गए वादों को पूरा करने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि महंगाई से संबंधित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के बाद शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए सचिन पायलट रविवार की प्रियंका गांधी से मिलने की संभावना है।
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सचिन पायलट के गुट के एक सहयोगी ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रियंका गांधी वाड्रा के संपर्क में हैं और उन्होंने उन्हें मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया है और उन्हें धैर्य रखने के लिए कहा है। पायलट के वफादारों द्वारा कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की मांगों की पृष्ठभूमि में बैठक की उम्मीद है। वे मुद्दों के समाधान में देरी पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि पिछले साल इसके लिए एक पैनल का गठन किया गया था।
पिछले साल जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ पायलट ने बगावत की तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजनीतिक संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पायलट के राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिलने की उम्मीद है, जो पैनल के सदस्य हैं, जिन्होंने अभी तक अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है।
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सचिन पायलट ने भारतीय जनता पार्टी की नेता रीता बहुगुणा जोशी के इस बयान को खारिज कर दिया कि उन्होंने कांग्रेस नेता से अपनी पार्टी भाजपा में शामिल होने के बारे में बात की थी। सचिन ने रीता बहुगुणा जोशी की बात को खारिज करते हुए कहते हैं कि उनकी हिम्मत नहीं मुझसे बात करने की। उन्होंने सचिन तेंदुलकर से बात की होगी।पायलट ने इस सप्ताह कार्रवाई की कमी पर नाराजगी व्यक्त की, जबकि पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए समिति का गठन किया गया था।
कांग्रेस की राजस्थान इकाई में फिर से टकराव की स्थिति बनने की खबरों के बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक नेताओं का कहना है कि पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए इंतजार लंबा हो रहा है, हालांकि उन्हें उम्मीद है कि आलाकमान जल्द ही उचित कदम उठाएगा। पायलट के करीबी सूत्रों ने बताया कि उनके समर्थक विधायक और अन्य नेता सरकार और संगठन में अपनी वाजिब हिस्सेदारी चाहते हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि यह जल्द होगा। इन सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि पायलट के समर्थक नेता कांग्रेस के भीतर रहकर अपना मुद्दा उठाना चाहते हैं। इस बारे में पायलट ने कुछ भी टिप्प्णी करने से इनकार किया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने शुक्रवार को कहा था कि सचिन पायलट नाराज नहीं हैं तथा राज्य कैबिनेट एवं सरकार के निगमों एवं बोर्ड में खाली पदों को जल्द ही सबसे बातचीत कर भरा जाएगा। माकन ने यह भी कहा था कि पायलट के साथ उनकी रोजाना बातचीत हो रही है। गौरतलब है कि पायलट के समर्थक विधायकों ने उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों के समाधान में देरी पर पिछले दिनों कथित तौर पर नाराजगी जताई है। पायलट के करीबी करीब आधा दर्जन विधायकों ने बृहस्पतिवार को सिविल लाइन्स स्थित उनके निवास पर उनसे मुलाकात भी की थी। इन अटकलों के बीच पायलट शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे।
हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री पारिवारिक कारणों से अक्सर दिल्ली के दौरे पर होते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद पायलट और उनके समर्थक विधायकों की कथित नाराजगी की अटकलों को बल मिला है।
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