चुनाव के कारण प्रधानमंत्री ने उठाया कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा : Mallikarjun Kharge
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आपकी सरकार के तहत, मैत्रीपूर्ण भाव से भारत से 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को स्थानांतरित कर दिए गए, और 55 एन्क्लेव भारत में आ गए। 1974 में मैत्रीपूर्ण भाव पर आधारित एक समान समझौता एक अन्य देश श्रीलंका के साथ कच्चातिवु पर शुरू किया गया था।’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु को ध्यान में रखकर कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उठाया, जबकि उनकी सरकार की विदेश नीति की विफलता के कारण नेपाल, भूटान और मालदीव जैसे मित्रवत पड़ोसियों के कारण रिश्ते बिगड़ गए। प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया में आयी एक खबर के हवाले से रविवार को कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप ‘‘संवेदनहीन’’ ढंग से श्रीलंका को दे दिया था।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, आप अपने कुशासन के 10वें वर्ष में क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अचानक जाग गए हैं। शायद, चुनाव ही इसका कारण है। आपकी हताशा स्पष्ट है।’’ उनके अनुसार, वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया था कि भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता दिलों का मिलन है तथा यह बयान 1974 में इंदिरा गांधी की पहल की सराहना करता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आपकी सरकार के तहत, मैत्रीपूर्ण भाव से भारत से 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को स्थानांतरित कर दिए गए, और 55 एन्क्लेव भारत में आ गए। 1974 में मैत्रीपूर्ण भाव पर आधारित एक समान समझौता एक अन्य देश श्रीलंका के साथ कच्चातिवु पर शुरू किया गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव से ऐन पहले आप इस संवेदनशील मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन आपकी ही सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 2014 में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि कच्चातिवु 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका गया था… आज इसे वापस कैसे लिया जा सकता है? यदि आप कच्चातिवू को वापस चाहते हैं, तो आपको इसे वापस पाने के लिए युद्ध में जाना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आपको बताना चाहिए कि क्या आपकी सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और कच्चातिवु को वापस लेने के लिए कोई कदम उठाया? ’’
खरगे के मुताबिक, ‘‘गांधी जी, पंडित नेहरू जी, सरदार पटेल जी, इंदिरा गांधी जी, राजीव गांधी जी - हमारे सभी प्रिय नेता भारत की एकता, हमारी क्षेत्रीय अखंडता के लिए जिये और मरे। सरदार पटेल जी ने 600 रियासतों को एक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इसके विपरीत, प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान घाटी में 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद चीन को क्लीन चिट दे दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जो बात आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली है, वह यह है कि आपने नेपाल, भूटान और मालदीव जैसे मित्रवत पड़ोसियों के साथ स्थिति को कैसे बिगाड़ा। इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि आपकी विदेश नीति की विफलता के कारण पाकिस्तान ने रूस से हथियार खरीदे।’’
खरगे ने यह भी कहा, ‘‘भारत का एक भी गांव ऐसा नहीं है, जहां किसी कांग्रेसी ने देश की एकता के लिए अपना खून न बहाया हो...यह कांग्रेस ही थी, जिसने गंभीर बाधाओं के बावजूद तिब्बत की संप्रभुता के मुद्दे को जीवित रखा, लेकिन आपकी पार्टी के पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री ने इसे सरसरी तौर पर बर्बाद कर दिया। कांग्रेस के प्रति यह मोह छोड़िए, और अपने गलत कार्यों पर विचार करिये, जिसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ रहा है।
Pradhan Mantri @narendramodi ji,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 31, 2024
You have suddenly woken up to the issues of territorial integrity and national security in your 10th year of misrule. Perhaps, elections are the trigger. Your desperation is palpable.
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