प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को लेकर कर दी बड़ी भविष्यवाणी, कहा- उन्हें करनी चाहिए बिहार की चिंता
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि तब आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की पूर्ण बहुमत की सरकार थी। लेकिन वही आज की परिस्थिति में देखें तो नीतीश कुमार अब 42 विधायक के साथ लंगड़ी सरकार चला रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू ने भी पूरे देश का दौरा किया था, विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे।
बिहार की राजनीति अपने आप में गर्म रहती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हुए हैं। हालांकि, उनकी इस कवायद को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। भाजपा तो उन पर निशाना साध ही रही है, साथ ही साथ है कभी उनके सहयोगी रहे प्रशांत किशोर भी उन पर हमलावर हैं। नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की कवायद पर प्रशांत किशोर ने एक बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कहा कि वे क्या कर रहे हैं, इस पर ज्यादा बोलने का मतलब नहीं है। लेकिन उन्होंने एक बार फिर से कहा कि आज से 5 साल पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। चंद्रबाबू नायडू भी इसी भूमिका को निभाने की कोशिश कर रहे थे जो आज नीतीश कुमार कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलियाई शहर को मिला पहला भारतीय मूल का लॉर्ड मेयर, बिहार के समीर पांडेय के बारे में ये बातें जानते हैं आप?
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि तब आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की पूर्ण बहुमत की सरकार थी। लेकिन वही आज की परिस्थिति में देखें तो नीतीश कुमार अब 42 विधायक के साथ लंगड़ी सरकार चला रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू ने भी पूरे देश का दौरा किया था, विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन नतीजा यह हुआ कि 2024 के चुनाव में उनके सांसद घटकर 3 हो गए। वहीं 23 विधायक जीते और वह भी सत्ता से बाहर हो गए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार को बिहार के चिंता करनी चाहिए। नीतीश कुमार का खुद का ठिकाना नहीं है और वह देश में विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि आरजेडी के 0 सांसद हैं लेकिन वह देश में प्रधानमंत्री तय कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: Anand Mohan: सुप्रीम कोर्ट ने मांगे आनंद मोहन को दी गई छूट से जुड़े वास्तविक रिकॉर्ड, अगस्त में होगी अगली सुनवाई
आपको बता दें कि पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कितने बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की है। सभी से उन्होंने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का आह्वान किया। नीतीश कुमार की बातों पर कुछ विपक्षी दलों ने भरोसा भी किया है। हालांकि अब तक सब कुछ साफ नहीं हुआ है। वहीं, जदयू के नेता नीरज कुमार ने कहा कि भले ही पार्टी के विधायकों की संख्या 45 हो गई है। लेकिन नीतीश कुमार का व्यक्तित्व बहुत बड़ा है और यही कारण है कि वह विपक्षी एकता के केंद्र बिंदु बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस देश के संवैधानिक संस्थाओं को बचाना चाहते हैं। यही कारण है कि वह क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को एकजुट कर रहे हैं। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि भाजपा की बेचैनी का इलाज 2024 में विपक्षी दलों के गोलबंदी से होने जा रहा है।
अन्य न्यूज़