प्रदूषण बरकरार, किस बात पर अपनी पीठ थपथपा रही दिल्ली सरकार, LG ने भी दिखाया आइना
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार यह दावा कर रही है कि पिछली साल की तुलना में इस बार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम है। लेकिन दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल सा लग रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण जबरदस्त तरीके से जारी है। आज सुबह सबेरे भी पूरी तरीके से दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील नजर आई। इतना ही नहीं, यमुना में भी जहरीले जाग देखने को मिली। पूरी दिल्ली धुंध में लिपटी हुई नजर आई। हालांकि, दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार यह दावा कर रही है कि पिछली साल की तुलना में इस बार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम है। लेकिन दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल सा लग रहा है।
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यमुना में जहरीले झाग को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजधानी की आप सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर यमुना की सफाई में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई का सर्वोच्च काम अपने अधिकार में लिया था। लेकिन सफलता न मिलने पर इसे एनजीटी को दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यमुना की सफाई का अभियान जब शुरू हुआ तो केजरीवाल सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय जाकर इस पर स्टेट लगवा दिया।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को लगातार 14वें दिन भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही और एक्यूआई 334 दर्ज किया गया। शहर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण 15.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वाहनों से निकलने वाला धुंआ रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 30 अक्टूबर से लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में 30 अक्टूबर को एक्यूआई 307 दर्ज किया गया था। एक्यूआई के वर्गीकरण के अनुसार, शून्य से 50 की श्रेणी को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ तथा 401-500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार अगले दो दिनों तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में सबसे अधिक हिस्सेदारी वाहनों से होने वाला उत्सर्जन का होगा और यह करीब 10 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला 24 घंटे का औसत एक्यूआई 334 रहा जबकि सोमवार को यह 354 था। आनंद विहार के निगरानी केंद्र के मुताबिक इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया।
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