भारत को कमजोर नहीं कर पायेगा पाकिस्तान, गुनाहगारों को बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी
पुलवामा हमले पर सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति :सीसीएस: में भी विचार हुआ । इस जघन्य आंतकी हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से व्यापार में ''सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन)'' का दर्जा वापस ले लिया है।
नयी दिल्ली। पुलवामा आतंकवादी हमले पर पड़ोसी देश पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वह ऐसे हमलों से भारत को कमजोर नहीं कर पायेगा और इसके गुनाहगारों को बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी । तिरंगे में लिपटे सीआरपीएफ के वीर जवानों के पार्थिव शरीर का इंतजार करते परिजनों की पीड़ा और देश भर से इस जघन्य हमले के प्रति लोगों में भावनाओं के उबाल के बीच प्रधानमंत्री ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि सुरक्षा बलों को आगे की कार्रवाई, समय, स्थान और स्वरूप तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है ।
A grateful nation bows to the martyrs of Pulwama.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2019
A befitting reply will be given to the perpetrators of the heinous attack and their patrons.
No force will succeed in disturbing peace, progress and stability of India. pic.twitter.com/hFq0pUByVJ
उन्होंने कहा, ‘‘ आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उन्हें इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी।’’ गौरतलब है कि पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं।
पुलवामा हमले पर सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति :सीसीएस: में भी विचार हुआ । इस जघन्य आंतकी हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से व्यापार में 'सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन)' का दर्जा वापस ले लिया है। इस कदम के बाद भारत पड़ोसी देश से आने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा सकेगा। यह दर्जा पाकिस्तान को 1996 में दिया गया था लेकिन पाकिस्तान ने भारत को ऐसा दर्जा नहीं दिया था।
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सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि पुलवामा आतंकी हमलों के गुनाहगारों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिये हर तरह के प्रयास किये जायेंगे । जेटली ने बताया कि बैठक में यह तय किया गया कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण रूप से अलग-थलग करने के लिये कूटनीतिक पहल आरंभ करेगा। इस बीच, भारत ने पुलवामा में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के हमले में लगभग 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत पर कड़ा विरोध जताते हुये पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया और सख्त आपत्तिपत्र : डिमार्शे : जारी किया।
सूत्रों ने बताया कि विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद को शुक्रवार दोपहर 2 बजे विदेश मंत्रालय में तलब किया और बृहस्पतिवार को पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर सख्त आपत्तिपत्र जारी किया । पाकिस्तान से कहा गया है कि वह जैश ए मोहम्मद के खिलाफ तत्काल एवं प्रमाणिक कार्रवाई करे ।
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वहीं, प्रधानमंत्री ने अपने सख्त भाषण में कहा कि इस हमले की वजह से देश में जितना आक्रोश है, लोगों का खून खौल रहा है, यह समझ रहा हूं। ‘‘ इस समय जो देश की अपेक्षाएं हैं, कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं, वो स्वाभाविक हैं। हमारे सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी हुई है। हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है।’’
मोदी ने कहा कि हमारे पडोसी देश के लिए रोजमर्रा का खर्चा तक चलाना मुश्किल हो गया है, वह दुनिया में भीख का कटोरा लेकर घूम रहा है। पुलवामा जैसी तबाही मचाकर, वह हमें भी बदहाल करना चाहता है लेकिन उसके इस मंसूबे का हम सब देशवासी मिलकर मुंहतोड़ जवाब देंगे ।
पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ चुका हमारा पड़ोसी देश अगर यह समझता है कि जिस तरह के कृत्य वह कर रहा है, जिस तरह की साजिशें कर रहा है, उससे भारत में अस्थिरता पैदा करने में सफल हो जाएगा, तो वह बहुत बड़ी भूल कर रहा है।’’ वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को हिंदुस्तान की आत्मा पर हमला करार देते हुए कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत को तोड़ने या बांटने में कभी सफल नहीं हो सकती तथा इस जघन्य घटना का जवाब देने के लिए की जाने वाले कार्रवाई में उनकी पार्टी सरकार के साथ रहेगी।
पार्टी मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी वाले संवाददाता सम्मेलन में गांधी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी और पूरा विपक्ष इस वक्त सरकार एवं अपने सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है। इस बीच, गृह मंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर पहुंच गए हैं, उनके साथ कुछ अधिकारी भी गए हैं। गृह मंत्री संभवत: शनिवार को लौट आयेंगे। इसके बाद सभी राजनीति दलों के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी । इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, गृह सचिव राजीव गौबा, सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर, जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ढिल्लन आदि मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और सभी से राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहने और इस हमले के खिलाफ एक स्वर में बोलने की अपील की।
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