Prabhasakshi NewsRoom: Egypt रवाना होने से पहले PM Modi ने US में कहा- भारत ने अपना आत्मविश्वास वापस पा लिया है
'मोदी-मोदी' के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तरक्की के पीछे की सबसे बड़ी वजह उसका आत्मविश्वास है। उन्होंने कहा, “सैकड़ों वर्षों की गुलामी ने देश का आत्मविश्वास छीन लिया था, लेकिन नये भारत ने आज अपना आत्मविश्वास वापस पा लिया है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा संपन्न होने के बाद शनिवार सुबह मिस्र के लिए रवाना हो गये। देखा जाये तो प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा ऐतिहासिक रही। प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू हुई थी, जहां उन्होंने 21 जून को नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम की मेजबानी की थी। बाद में राष्ट्रपति बाइडन ने वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में उनका ‘रेड-कार्पेट’ पर भव्य स्वागत किया। दोनों नेताओं ने बृहस्पतिवार को एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसके बाद मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया और फिर बाइडन द्वारा उनके सम्मान में व्हाइट हाउस में एक राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया गया। इस यात्रा के दौरान रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख समझौते हुए।
मोदी बृहस्पतिवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता भी बने थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आतंकवाद के प्रायोजक देशों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया था। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार पर भी जोर दिया था और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों के बारे में खुलकर बात की थी। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ विदेश विभाग में भारतीय नेता के लिए दोपहर के भोजन की मेजबानी की। मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिका और भारत की कंपनियों के शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से भी मुलाकात की। बाद में दिन में उन्होंने अमेरिका में भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। वाशिंगटन स्थित रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग एंड इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देशों के संबंध 21वीं सदी में दुनिया को फिर से बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं। ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तरक्की के पीछे की सबसे बड़ी वजह उसका आत्मविश्वास है। उन्होंने कहा, “सैकड़ों वर्षों की गुलामी ने देश का आत्मविश्वास छीन लिया था, लेकिन नये भारत ने आज अपना आत्मविश्वास वापस पा लिया है।” मोदी ने कहा कि नया भारत अपनी राह और दिशा जानता है तथा उसे अपने निर्णयों एवं संकल्पों को लेकर कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि देश अब अपनी क्षमता को प्रदर्शन में बदल रहा है।
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण को बढ़ावा देने और औद्योगिक आपूर्ति शृंखला को मजबूत बनाने के लिए हुए समझौतों का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के रुख में समानता दिखी है और उनके बढ़ते संबंध “मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड” से जुड़े प्रयासों को बढ़ावा देंगे। मोदी ने कहा, “भारत लोकतंत्र की ‘जननी’ है, तो अमेरिका आधुनिक लोकतंत्र का ‘चैंपियन’ है और दुनिया इन दो महान लोकतंत्रों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत होता देख रही है।” उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय दोनों देशों के संबंधों की वास्तविक क्षमता को साकार करने में बड़ी भूमिका निभाएगा और यह भारत में अधिक से अधिक निवेश करने का उपयुक्त समय है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम (भारत और अमेरिका) साथ मिलकर न सिर्फ नीतियां और समझौते तैयार कर रहे हैं, बल्कि हम जीवन, सपनों और नियति को आकार भी दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि दोनों देश बेहतर भविष्य के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। हम आपको बता दें कि यह मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर काहिरा रवाना होने से पहले अमेरिका में मोदी का आखिरी कार्यक्रम था।
अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के योगदान और आचरण की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का श्रेय दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच के रिश्ते को न केवल वाणिज्यिक एवं व्यापारिक, बल्कि भावनात्मक भी बताया। मोदी ने घोषणा की कि भारतीय मूल के लोगों को एच-1बी वीजा के नवीनीकरण के लिए अमेरिका नहीं छोड़ना पड़ेगा। सभागार के अंदर और बाहर मौजूद प्रवासी भारतीयों ने इस घोषणा का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के पेशेवर इससे लाभान्वित होंगे और (इस संबंध में) एक पायलट परियोजना इसी महीने शुरू की जाएगी। उन्होंने संकेत दिया कि अनुभव के आधार पर यह सुविधा एल-श्रेणी के वीजा (एक कंपनी की अलग-अलग शाखाओं में स्थानांतरण से संबंधित वीजा) के मामले में भी उपलब्ध कराई जा सकती है।
मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए सेवाओं को सुगम बनाना भारत की प्राथमिकता है और अब देश सिएटल में एक तथा दो अन्य अमेरिकी शहरों में दो नये वाणिज्य दूतावास खोलेगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका भी अहमदाबाद और बेंगलुरु में नये वाणिज्य दूतावास खोल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले तीन दिनों में भारत और अमेरिका के बीच आपसी रिश्तों की एक नयी और गौरवशाली यात्रा शुरू हुई है।” मालूम हो कि वाशिंगटन में अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से हर रोज विभिन्न मुद्दों पर गहन बातचीत की। उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के साथ ही युवा उद्यमियों और शीर्ष सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) से मुलाकात भी की।
अमेरिका दौरे की समाप्ति पर मोदी ने ट्वीट किया, “अमेरिका की एक बहुत ही विशेष यात्रा का समापन कर रहा हूं, जिस दौरान मुझे भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती को गति देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों और संवाद सत्रों में हिस्सा लेने का मौका मिला। हमारे देश पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर स्थान बनाने के वास्ते मिलकर काम करना जारी रखेंगे।” भारतीय समुदाय को दिए लगभग 35 मिनट लंबे संबोधन में मोदी ने बाइडन की एक अनुभवी एवं सुलझे हुए नेता के रूप में तारीफ की। उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए बाइडन द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी सराहा। भारत में लड़ाकू विमान के इंजन बनाने के जनरल इलेक्ट्रिक के फैसले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से अमेरिका न केवल प्रौद्योगिकी, बल्कि आपसी विश्वास भी साझा करेगा।
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प्रधानमंत्री ने कई प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के भारत में कई क्षेत्रों में निवेश करने के फैसले का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे भारत में रोजगार, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “आप यह देखकर गौरवान्वित महसूस करते हैं कि भारत की ताकत कैसे दुनिया के विकास को नयी दिशा दे रही है। भारत आज उन देशों में से एक है, जिसकी अर्थव्यवस्था इतनी तेज गति से बढ़ रही है। दुनिया आपके भारत को देख रही है।” मोदी ने यह भी कहा कि भारत सरकार की मदद से ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में एक तमिल अध्ययन पीठ स्थापित की जाएगी। उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से इस तथ्य पर गर्व करने को कहा कि तमिल “दुनिया की सबसे पुरानी भाषा” है। उन्होंने 100 से अधिक पुरावशेषों को वापस करने के अमेरिकी सरकार के फैसले पर भी खुशी जाहिर की, जो अवैध तरीके से भारत से बाहर ले जाए गए थे। प्रधानमंत्री ने भारत और भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए अमेरिकी सरकार की सराहना की और कहा कि इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
अमेरिकी मीडिया ने विशेष कवरेज दी
अमेरिका के प्रमुख अखबारों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा से जुड़ी खबरों को विशेष कवरेज के साथ प्रकाशित किया है। अमेरिकी अखबारों ने प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के अलावा मोदी की इस यात्रा से जुड़े कई पहलुओं का उल्लेख कर उन पर चर्चा करने वाली खबर प्रकाशित की हैं। द वॉशिंगटन पोस्ट ने मोदी की यात्रा से जुड़ी खबरों को पूरे पृष्ठ पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है। अखबार ने लिखा, ‘‘कांग्रेस के समक्ष प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विशेष ध्यान विकास पर केंद्रित किया।’’ द वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, अमेरिकी सांसदों ने सदन में मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और खड़े होकर उनका जोरदार अभिवादन किया। अखबार ने लिखा कि जब मोदी मंच की ओर बढ़े तो दीर्घा में कुछ लोग उनके नाम के नारे लगाने लगे, कई सांसद उनसे हाथ मिलाने के लिए कतार में खड़े थे। अखबार में छपे एक अन्य लेख में कहा गया, ‘‘अमेरिका और भारत ने प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्र में कई अहम समझौते होने की घोषणा की। बाइडन और मोदी ने कई समझौतों की घोषणा की, जिसमें भारत में संयुक्त रूप से लड़ाकू विमान के जेट इंजन का उत्पादन करने का सौदा और माइक्रोचिप्स तथा अन्य प्रमुख प्रौद्योगिकियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने का प्रयास शामिल है।’’ वाशिंगटन पोस्ट के स्टाइल सेक्शन में प्रधानमंत्री मोदी की आधे पृष्ठ की तस्वीर है जिसमें व्हाइट हाउस में भव्य राजकीय रात्रिभोज के लिए वह राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के साथ खड़े हैं। अमेरिकी कांग्रेस में अपने संबोधन के दौरान सांसदों का 'नमस्ते' के साथ अभिवादन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक फोटो 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' के पहले पन्ने पर छपी है। अखबार ने इस फोटो के साथ कैप्शन लिखा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में "रूस" और "चीन" जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से परहेज किया।’’ 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने मोदी की यात्रा से जुड़ी कई खबरें प्रकाशित की हैं।
प्रधानमंत्री की मिस्र यात्रा
जहां तक प्रधानमंत्री की मिस्र यात्रा की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री की यह मिस्र की पहली यात्रा होगी। मोदी राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा कर रहे हैं। यह 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक मिस्र यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी अपनी मिस्र यात्रा के दौरान सीसी के साथ बातचीत करने के अलावा मिस्र सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, देश की प्रमुख हस्तियों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात कर सकते हैं। जनवरी में सीसी की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान, दोनों देश अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर सहमत हुए थे। प्रधानमंत्री काहिरा में ‘हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव सीमेट्री’ का दौरा करेंगे, जो एक पवित्र स्थल है और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र तथा फलस्तीन में सेवा करने वाले एवं शहीद हुए भारतीय सेना के लगभग 4,000 सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक है। मोदी दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से बहाल की गई 11वीं सदी की अल-हकीम मस्जिद का भी दौरा करेंगे।
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