थाईलैंड-म्यांमार में आई भूकंप से तबाही तो PM मोदी ने जताई चिंता, मदद के लिए बढ़ाया हाथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर चितां जताई है। उन्होंने कहा कि भारत हर तरह की सहायता देने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स को लिखा कि म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं।
म्यांमार में आज 7.7 तीव्रता का भूकंप आया और 6.8 तीव्रता का आफ्टरशॉक आया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर से 16 किमी उत्तर-पश्चिम में और 10 किमी की गहराई पर था। हताहतों की खबरें हैं, लेकिन सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। भूकंप के झटके थाईलैंड तक महसूस किए गए, जहां राजधानी बैंकॉक में कुछ मेट्रो और रेल सेवाएं निलंबित कर दी गईं। थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने संकट की समीक्षा के लिए एक "तत्काल बैठक" की और बैंकॉक में 'आपातकाल' की स्थिति घोषित की।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर चितां जताई है। उन्होंने कहा कि भारत हर तरह की सहायता देने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स को लिखा, "म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों को तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के संपर्क में रहने को कहा है।"
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 6 अप्रैल तक थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा का एक मुख्य आकर्षण यह है कि प्रधानमंत्री 4 अप्रैल को बैंकॉक में छठे बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत की नई घोषित 'महासागर नीति' के तहत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा, "प्रधानमंत्री की थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा और छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति, 'एक्ट ईस्ट' नीति, 'महासागर' विजन और इंडो-पैसिफिक के विजन के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।"
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