गुजरात चुनावों से पहले एक ही दिन, एक ही समय अहमदाबाद क्यों पहुँचे हैं मोदी और भागवत?
जहां तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बात है तो हम आपको बता दें कि इस समय आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक गुजरात में अहमदाबाद के निकट चल रही है जिसमें संगठन के विस्तार की रूखरेखा पर विचार किया जा रहा है।
अहमदाबाद। उत्तर प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के एक बाद अब पार्टी का ध्यान गुजरात का किला बचाये रखने पर केंद्रित हो गया है। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में रोड शो कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया तो वहीं दूसरी ओर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी आज ही गुजरात पहुँचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख, यह दोनों नेता गुजरात में दो दिन रहेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि गुजरात को लेकर पूरा संघ परिवार तैयारियों में कहीं कोई कमी नहीं रखना चाहता। जहां तक प्रधानमंत्री की बात है तो वह आज फूल मालाओं से सजी गाड़ी में सवार मोदी भगवा रंग की टोपी पहने नजर आए। मोदी ने रोड शो के दौरान सड़क के दोनों ओर जमा सैंकड़ों समर्थकों तथा प्रशंसकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। हवाई अड्डे से शुरू हुआ रोड शो करीब 10 किलोमीटर दूर गांधीनगर में भाजपा के राज्य मुख्यालय ‘कमलम’ पर समाप्त हुआ। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सी.आर. पाटिल भी मोदी के साथ मौजूद थे।
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मोदी ने इस दौरान हाथ से ‘‘वी फॉर विक्टरी (जीत)’’ का चिन्ह बनाया जिसे देखकर उत्साहित समर्थकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी की। भाजपा के कई कार्यकर्ता भी रोड शो में शामिल हुए। वहीं, रास्ते में कई स्थानों पर सड़क किनारे लगे मंचों पर कलाकारों ने शास्त्रीय एवं पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति दी। रास्ते में मोदी के पोस्टर भी लगे नजर आएं। कई पोस्टर पर रोड शो का मार्ग भी चिह्नित था। इनमें से एक पर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को देश वापस लाने के लिए चलाए ‘ऑपरेशन गंगा’ के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी गईं थी। रोड शो के दौरान लोग प्रधानमंत्री के वाहन के करीब आते ही ‘‘मोदी मोदी’’ के नारे लगाने लगते थे।
इस रोड शो को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है, जो इस साल दिसंबर में होने हैं। भाजपा के एक कार्यकर्ता ने कहा, ''गुजरात में केवल भाजपा जीतेगी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के यहां आने की कोई गुंजाइश नहीं है, यह मोदी का गृह राज्य है।’’ यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने के लिए भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा, ''भारत का एक सपूत (मोदी) देश के हजारों बेटे-बेटियों को युद्धग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित वापस ले आया। वह गुजरात आए हैं, हम उनका स्वागत करके खुश हैं।’’ यूक्रेन से लौटे कुछ छात्र भी भीड़ का हिस्सा थे और उन्होंने छात्रों को वापस लाने के प्रयासों के लिए मोदी और केन्द्र सरकार की सराहना की। लोगों को रोड शो दिखाने के लिए रास्ते में कई ‘स्क्रीन’ भी लगाई गईं थीं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, ''हम आश्वस्त हैं कि गुजरात में दिसंबर में होने वाले चुनाव में भाजपा की जीत होगी।’’ पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि गांधीनगर में भाजपा के राज्य मुख्यालय ‘कमलम’ पहुंचने के बाद मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भाजपा की राज्य इकाई के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कुछ टिप्स भी दिये।
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जहां तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बात है तो हम आपको बता दें कि इस समय आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक गुजरात में अहमदाबाद के निकट चल रही है जिसमें संगठन के विस्तार की रूखरेखा पर विचार किया जा रहा है। यह बैठक भी आज ही शुरू हुई है। अहमदाबाद के पिराना गांव में शुरू हुई बैठक में देशभर से संघ के करीब 1200 पदाधिकारी एवं प्रचारक शामिल हो रहे हैं जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले शामिल हैं। ऐसा समझा जाता है कि आरएसएस के वर्ष 2025 में शताब्दी वर्ष पूरा होने से पहले संगठन के विचार का खाका इस बैठक में तैयार किया जायेगा। बैठक के पहले दिन सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने संवाददाताओं से कहा कि इस बैठक के मुख्य विषयों में से एक विषय संगठन विस्तार है। मनमोहन वैद्य ने कहा कि तीन दिनों की इस बैठक के दौरान आरएसएस के विस्तार को लेकर एक विस्तृत योजना का खाका तैयार किया जायेगा।
बहरहाल, देखना होगा कि भाजपा की चुनावी तैयारी आने वाले समय में कैसे आगे बढ़ती है। पिछले 27 सालों से राज्य में राज कर रही भाजपा के सामने वैसे तो मजबूत विपक्ष नहीं है लेकिन आम आदमी पार्टी इस बार का गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में देखना होगा कि क्या इस बार का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय साबित होता है या फिर भाजपा एकतरफा जीत हासिल करने में सफल रहती है।
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