मोदीमय हुआ पेरिस, पढ़िए PM ने संबोधन में क्या कुछ कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने यूनेस्को मुख्यालय में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए तीन तलाक की कुप्रथा पर रोक लगाने जैसे बड़े फैसले गिनाये जो उनकी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लिये गये हैं।
पेरिस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिला प्रचंड जनादेश ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण के लिए है और भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, जनता के धन की लूट तथा आतंकवाद पर पहले कभी इस तरह लगाम नहीं लगाई गयी। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां यूनेस्को मुख्यालय में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए तीन तलाक की कुप्रथा पर रोक लगाने जैसे बड़े फैसले गिनाये जो उनकी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लिये गये हैं। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के फैसले का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अस्थाई चीजों के लिए कोई जगह नहीं है। आपने देखा होगा कि 1.25 अरब लोगों के देश, महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध, राम, कृष्ण की भूमि को उसे हटाने में 70 साल लग गए, जो अस्थाई था। अस्थाई को हटाने में 70 साल लगे, मुझे पता नहीं कि मुझे खुशी मनानी चाहिए या दुख।
तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में फ्रांस पहुंचे मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत मोदी की वजह से आगे नहीं बढ़ रहा। यह भारत की जनता की मुहर लगने की वजह से आगे बढ़ रहा है जो उसने अपने वोटों के रूप में लगाई है। इस दौरान उपस्थित लोगों ने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे लगाये। मोदी ने यह भी कहा कि ‘न्यू इंडिया’ में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, वंशवाद, जनता के धन की लूट और आतंकवाद पर इस तरह लगाम लगाई गई है जैसी पहले कभी नहीं लगाई गयी। भ्रष्टाचार पर मोदी के बयानों को हाल के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब दो दिन पहले ही सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया और इस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
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तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करने के सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘नया भारत’ मुस्लिम महिलाओं के साथ इस तरह का अन्याय कैसे स्वीकार कर सकता था। उन्होंने कहा कि स्पष्ट नीति और सही दिशा के मंत्र से प्रेरित सरकार ने एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिये। मोदी ने कहा कि भारत आशा और आकांक्षाओं की यात्रा पर बढ़ चला है और 130 करोड़ देशवासियों के सामूहिक प्रयासों से देश विकास के पथ पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि लोगों ने दोबारा प्रचंड जनादेश दिया है। यह जनादेश केवल सरकार के लिए नहीं, बल्कि एक नये भारत के निर्माण के लिए है। ऐसा नया भारत जिसकी समृद्ध संस्कृति पर दुनिया को गौरव हो। एक नया भारत जिसमें कारोबार सुगमता पर ध्यान दिया जाए और जीवनशैली को भी आसान बनाया जाए।
मोदी ने कहा कि इस सरकार के 100 दिन अभी पूरे नहीं हुए हैं। शुरूआती 50 से 75 दिन सामान्य तौर पर चीजों की योजना बनाने और बधाई तथा शुभकामनाएं लेने में निकल जाते हैं, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत अगले डेढ़ साल में कॉप 21 जलवायु परिवर्तन के अधिकतर लक्ष्य हासिल कर लेगा जिन्हें 2030 तक प्राप्त करने का निर्धारण किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 2025 में क्षय रोग (टीबी) से मुक्त हो जाएगा। संबोधन से पहले प्रधानमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 1950 और 1960 के दशक में फ्रांस में एअर इंडिया के दो विमानों की दुर्घटनाओं में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक स्मारक का उद्घाटन किया।
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मोदी ने अपने भाषण में विकास और जनता के सशक्तीकरण के लिए उठाये गये कुछ कदम भी गिनाये जिनमें बैंक खाते खोलना और दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान का उल्लेख किया गया। उन्होंने ‘जल शक्ति’ मंत्रालय के सृजन का भी उल्लेख किया। गरीब किसानों और व्यापारियों को पेंशन का भी उल्लेख उनके भाषण में आया। मोदी ने कहा कि हाल ही में संपन्न संसद सत्र पिछले छह दशक में सबसे अधिक कामकाज वाला रहा। उन्होंने भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंध और साझेदारी की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमने न केवल भारत में बल्कि फ्रांस में भी फासीवाद और उग्रवाद से लड़ाई लड़ी है।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत और फ्रांस के बीच दोस्ती मजबूत सिद्धांतों पर आधारित है। दोनों देशों का चरित्र स्वतंत्रता, समानता और भाइचारे के समान मूल्यों पर आधारित है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्रांस और भारत दुनिया के सामने मौजूद आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे बड़े खतरों से मिलकर लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरों की तो बहुत बात होती थी, लेकिन कार्रवाई कहीं नहीं दिखती थी। भारत और फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के गठन का निर्णायक कदम उठाया है।
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