सावन के पहले सोमवार को दिखी भक्तों की भीड़, उत्तराखंड सरकार के रोक के बाद भी गंगाजल लेने आ रहे लोग
हर साल की तरह इस साल भी हरिद्वार पुलिस ने गागंजाल टैंकरों से कावड़ संघों को भेजने की व्यवस्था की है जो कांवड़ यात्रा का आयोजन करते हैं। लेकिन कई कांवड़ियो का मानना है कि वह हरिद्वार के गंगा से ही गंगाजल लाने में विश्वास करते हैं।कई पर्यटक कोविड नियमों का पालन किए बिना मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार पहुंच रहे है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद सावन के पहले दिन गंगा जल लेने के लिए कांवड़ियों ने रविवार को हरिद्वार में प्रवेश किया। बता दें कि हरिद्वार जिले में कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए शनिवार को जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी लेकिन उसके बावजूद कई शिव भक्त राज्य में प्रवेश कर गए। गंगाजल एकत्रित करने के बाद भक्तों ने कहा कि, न हमें कोरोना वायरस से डर लगता है और न ही क्वारंटाइन होने की जरूरत है। हर साल की तरह इस साल भी हरिद्वार पुलिस ने गागंजाल टैंकरों से कावड़ संघों को भेजने की व्यवस्था की है जो कांवड़ यात्रा का आयोजन करते हैं। लेकिन कई कांवड़ियो का मानना है कि वह हरिद्वार के गंगा से ही गंगाजल लाने में विश्वास करते हैं। कई पर्यटक कोविड नियमों का पालन किए बिना मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार पहुंच रहे है।
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वहीं उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने यह संकेत दिए थे कि, कांवड़ यात्रा रद्द करने के बावजूद कांवड़िये, भगवान शंकर को चढ़ाने के लिए गंगाजल लेने के वास्ते हरिद्वार में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं। जिले की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के बावजूद कई कांवड़िये हरिद्वार में प्रवेश कर रहे है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा था कि, अगर कांवड़िए सीमा पर आते हैं तो उनसे वापस जाने का अनुरोध किया जाएगा। डीजीपी ने कहा, “यदि वे इसका विरोध करेंगे तब कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस द्वारा कई चेतावनियों के बावजूद कई कांवड़िए बिना किसी मास्क और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे।
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