Parliament Diary: निशिकांत दुबे के बयान पर लोकसभा में हंगामा, सांसदों को ओम बिरला की सलाह

Nishikant Dubey
ANI
अंकित सिंह । Dec 5 2024 4:09PM

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों पर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद फिर शुरू होने पर कुछ ही मिनट के अंदर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

संसद के शीतकालीन सत्र का आज नौवा दिन था। नवें दिन लोकसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। निशिकांत दुबे के एक बयान को लेकर विपक्ष भड़क गया। वहीं राज्यसभा में कुछ काम का जरूर हुआ। लेकिन विपक्ष का हंगामा भी समय-समय पर जारी रहा। वहीं, भारतीय वायुयान विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि छह हवाई अड्डों को गहन, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से अदाणी समूह को पट्टे पर दिया गया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को सदस्यों से नियम एवं प्रक्रियाओं का पालन करने और सदन में बिल्ले आदि लगाकर नहीं आने का आग्रह किया। 

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लोकसभा की कार्यवाही

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों पर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद फिर शुरू होने पर कुछ ही मिनट के अंदर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। दुबे ने लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पूछने के लिए कुछ सवाल उठाए जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच सदन की बैठक दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई। 

सदन की कार्यवाही दो बजे फिर से आरंभ होने पर कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों ने हंगामा जारी रखा। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उनकी मांग थी कि लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई को बोलने का मौका दिया जाए। पीठासीन सभापति जगदम्बिका पाल ने कहा कि रेल संशोधन विधेयक, 2024 पर चर्चा हो चुकी है और विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव को जवाब देना है, ऐसे में विपक्षी सदस्य सदन चलने दें। 

पाल ने कहा, ‘‘कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय किया गया था कि चर्चा के लिए रेल का विधेयक लेंगे। इस पर हुई चर्चा में सदस्यों ने भागीदारी की। अब माननीय मंत्री का जवाब सुनना है।’’ उन्होंने गौरव गोगोई से कहा, ‘‘शून्य प्रहर में निशिकांत दुबे जी को अवसर मिला, आपको भी अवसर मिला...आपको लगता है कि कोई विषय है तो उस पर अध्यक्ष जी को निर्णय करना है।’’ संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सदन में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों का व्यवहार उचित नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में हम लोगों ने हर विधेयक पर समय तय किया था। अब हंगामा कर रहे हैं...यहां तय किया गया था कि तख्तियां लेकर सदन में नहीं आएंगे, लेकिन कांग्रेस के लोगों ने रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर फैशन शो किया है। मैं इसकी निंदा करता हूं।’’ रीजीजू ने कहा, ‘‘इस तरह से हंगाामा करने से कुछ नहीं होगा। हंगामा करने से वोट नहीं मिलता है। चर्चा करने से लोग पसंद करेंगे।’’ हंगामे के बीच ही, पाल ने रेल मंत्री वैष्णव का नाम बुधवार को हुई चर्चा परजवाब देने के लिए पुकारा। वैष्णव ने बोलना शुरू किया तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद देश में सड़क हादसों में एक साल के भीतर 1.68 लाख लोगों की मौत हुई और मरने वालों में 60 प्रतिशत युवा थे। उन्होंने सदन में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि यह स्थिति दुखद है और इसे रोकने के लिए समाज को भी सहयोग करना होगा। 

राज्यसभा की कार्यवाही

ग्रामीण समुदायों, खास कर महिलाओं के वित्तीय समावेशन के लिए डाक घरों को महत्वपूर्ण बताते हुए सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि इनका का आधुनिकीकरण किया गया है ताकि सेवाओं में कोई कमी न रहे और यही वजह है कि गांवों में स्वसहायता समूहों के लिए ये डाक घर निर्यात केंद्रों की भूमिका निभा रहे हैं। संचार राज्य मंत्री डॉ चंद्रशेखर पेन्नासानी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि डाक घर आज भी प्रासंगिक हैं।

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राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हम किसी भी अन्य स्थान पर सबसे बड़े लोकतंत्र को गहरे राज्य द्वारा निष्क्रिय बनाने की अनुमति नहीं दे सकते। इस सदन को हमारी संप्रभुता के लिए हानिकारक और खतरनाक किसी भी प्रवृत्ति, किसी भी पहल को बेअसर करने के लिए एकजुट होना चाहिए। मैं समय दूंगा। यह बहुत गंभीर मुद्दा है और हमें सभी से राय लेने की जरूरत है। वहीं, सुधांशु त्रिवेदी इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित ओसीसीआरपी भारत में झूठी बातें फैलाता है। 

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