पाकिस्तानी महिला मामला:उत्तर प्रदेश की अदालत ने सचिन और सीमा को दी जमानत

 Seema Gulam Haidar
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आरोपियों के अधिवक्ता हेमन्त कृष्ण पाराशर ने कहा कि अदालत ने जमानत के साथ एक शर्त रखी है ।

पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदर और उसके भारतीय प्रेमी सचिन मीणा को शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा की एक अदालत ने जमानत दे दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदर के भारत में अवैध रूप से रहने को लेकर उसे और सचिन मीणा, दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सीमा (30) और सचिन मीणा (25) को चार जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। सीमा पर भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने और सचिन पर अवैध अप्रवासी को शरण देने को लेकर मामला दर्ज किया गया है। दोनों ने चार जुलाई को पुलिस और मीडिया के समक्ष एक-दूसरे से प्यार करने की बात कबूल की थी। दोनों ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें शादी करके एक-दूसरे के साथ भारत में रहने की अनुमति दी जाए।

दोनों वर्ष 2019 में ऑनलाइन गेम पबजी के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में आए थे और आखिरकार पाकिस्तानी महिला अपना वतन छोड़कर ग्रेटर नोएडा में आकर सचिन के साथ रहने लगी। अधिकारियों ने कहा कि जेवर दीवानी अदालत की कनिष्ठ डिविजन के न्यायमूर्ति नजीम अकबर ने दोनों को जमानत दे दी। दोनों के खिलाफ रबूपुरा थाने में मामला दर्ज किया गया था। रबूपुरा थाने के प्रभारी सुधीर कुमार ने कहा कि दोनों को जमानत मिल गई है, लेकिन अभी उनकी जेल से रिहाई होनी बाकी है। कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सीमा के चार बच्चे भी उसके साथ जेल में रह रहे हैं। चारों बच्चों की उम्र सात साल से कम है। इस मामले में सचिन के पिता नेत्रपाल सिंह (50) को भी एक अवैध प्रवासी को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और नेत्रपाल को भी जमानत मिल गई है। आरोपियों के अधिवक्ता हेमन्त कृष्ण पाराशर ने कहा कि अदालत ने जमानत के साथ एक शर्त रखी है  

कि जब तक मामला चल रहा है सीमा अपना निवास स्थान नहीं बदलेगी और दोनों नियमित रूप से अदालत के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। अधिवक्ता ने दावा किया कि सीमा और सचिन ने इस साल की शुरुआत में नेपाल में शादी कर ली और महिला को पाकिस्तान वापस जाने पर अपनी जान को खतरा महसूस होता है। पाराशर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सीमा ने मुझे लिखित में बताया कि उसने और सचिन ने नेपाल के काठमांडू में शादी कर ली है। मैंने अदालत को इसकी जानकारी दी है। मैंने यह भी दलील दी कि सीमा पहले पाकिस्तान से नेपाल गई और फिर भारत आई। नेपाल से भारत आने वालों को पासपोर्ट या वीजा रखने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि अदालत ने दलीलों से सहमत होकर जमानत दे दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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