Prabhasakshi NewsRoom: ड्रग्स तस्करों के खिलाफ गुजरात पुलिस का सख्त एक्शन, अपराधियों में खलबली
गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया ने कहा कि इस मादक द्रव्य की तस्करी दो तस्करों द्वारा संचालित एक गिरोह कर रहा था। इनमें से एक तस्कर नाईजीरियाई नागरिक है। यह दोनों फिलहाल पंजाब की जेलों में बंद हैं।
जेलों में बैठकर गैंगस्टर कैसे अपना काला धंधा चलाते हैं इसकी एक बड़ी मिसाल सामने आई है। हम आपको बता दें कि गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते और भारतीय तटरक्षक बल ने एक संयुक्त अभियान के दौरान राज्य के तट पर अरब सागर में एक मछली पकड़ने वाली पाकिस्तानी नौका से 200 करोड़ रुपये मूल्य की 40 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। अधिकारियों ने बताया कि नाव पर सवार चालक दल के छह पाकिस्तानी सदस्यों और दिल्ली के रहने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के रहने वाले इन दोनों लोगों को यह खेप प्राप्त करनी थी।
गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया ने कहा कि इस मादक द्रव्य की तस्करी दो तस्करों द्वारा संचालित एक गिरोह कर रहा था। इनमें से एक तस्कर नाईजीरियाई नागरिक है। यह दोनों फिलहाल पंजाब की जेलों में बंद हैं। यानि जेल से ही इन्होंने पाकिस्तान में ड्रग्स का ऑर्डर कर दिया था। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए दो भारतीयों की पहचान सरताज मलिक और जग्गी सिंह उर्फ वीरपाल सिंह के तौर पर हुई है। डीजीपी भाटिया ने कहा कि एटीएस के मिली एक सूचना के आधार पर कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह से 40 समुद्री मील दूर तटरक्षक बल और एटीएस की संयुक्त टीम ने मादक पदार्थ ले जा रही मछली पकड़ने वाली नौका को अरब सागर में रोक लिया। उन्होंने कहा कि जब्त की गई 40 किलोग्राम हेरोइन की कीमत 200 करोड़ रुपये है। डीजीपी ने बताया कि सरताज मलिक और जग्गी की मदद से इसे नाव से उतारे जाने के बाद सड़क मार्ग से दिल्ली व पंजाब जैसे उत्तरी राज्यों में ले जाया जाना था। डीजीपी भाटिया ने कहा कि आठ आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि मादक द्रव्य तस्कर मीराज रहमानी और अनी चीफ ओबिन्ना उर्फ चीफ (जो नाईजीरियाई है) जेल में बैठकर इस गिरोह का संचालन कर रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भाटिया ने कहा, “रहमानी जहां कपूरथला जेल में बंद है वहीं ओबिन्ना अमृतसर जेल में है। वे व्हाट्सऐप और वीओआईपी (इंटरनेट फोन) कॉल्स का इस्तेमाल कर गिरोह का संचालन कर रहे थे।'' उन्होंने बताया कि इससे पहले भी गुजरात में जब्त हुए मादक द्रव्य का संबंध पंजाब की जेलों से पाया गया था। भाटिया ने कहा कि 2021 के मोरबी ड्रग जब्ती मामले में, गुजरात पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य भारत भूषण उर्फ भोला शूटर की भूमिका का पता चला था, जो कथित तौर पर पंजाब की एक जेल से मादक द्रव्य नेटवर्क चला रहा था। उन्होंने कहा कि भूषण का हाल ही में जेल में निधन हो गया। इस बीच, तटरक्षक बल ने एक ट्वीट में कहा कि पकड़ी गई पाकिस्तानी नाव का नाम ‘अल तैय्यासा’ है।
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हम आपको यह भी बता दें कि ड्रग्स का कारोबार करने वालों पर गुजरात पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। अभी 9 सितंबर को ही गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की संयुक्त टीम ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता बंदरगाह के पास एक कंटेनर से 197.82 करोड़ रुपये मूल्य की 39.5 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने गांधीनगर में कहा कि प्रतिबंधित पदार्थ 12 गियर बॉक्स के अंदर छिपा कर रखा गया था, जो दुबई के जेबेल अली बंदरगाह से शिपिंग कंटेनर में भेजे गए 7,220 किलोग्राम धातु स्क्रैप का हिस्सा था और यह फरवरी में कोलकाता बंदरगाह पहुंचा था। प्राथमिक जांच से पता चला है कि कंटेनर को फिर से कोलकाता से किसी अन्य देश में भेजा जाना था।
उधर, एक अन्य मामले में अहमदाबाद नगर निगम ने महिला मादक पदार्थ तस्कर की तीन मंजिला आवासीय इमारत बुधवार को ढहा दी। हम आपको बता दें कि महिला को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद के कालूपुर इलाके की रहने वाली 52 वर्षीय अमीनाबानु पठान को शहर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने 24 अगस्त को 3.31 लाख रुपये के 31 ग्राम मादक पदार्थ एमडी के साथ गिरफ्तार किया था।
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