G20 के लिए हमारा मोटो एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है, सम्मेलन के लिए अपने दृष्टिकोण को PM मोदी ने किया साझा
मेजबान भारत उनके स्वागत में लगा हुआ है। जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए विश्व नेताओं के नई दिल्ली पहुंचने से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निजी मीडिया समूह को भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से ग्रस्त विश्व में भारत की भूमिका, विश्वसनीय वैश्विक संस्थानों की आवश्यकता और वित्तीय रूप से गैर-जिम्मेदार नीतियों से होने वाले खतरों के बारे में अपने दृष्टिकोण को साझा किया।
देश की राजधानी दिल्ली में जी20 देशों की बैठक को गिनती के दिन शेष हैं। विभिन्न देशों से मेहमानों का आगमन भी शुरू हो चुका है। मेजबान भारत उनके स्वागत में लगा हुआ है। जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए विश्व नेताओं के नई दिल्ली पहुंचने से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निजी मीडिया समूह को भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से ग्रस्त विश्व में भारत की भूमिका, विश्वसनीय वैश्विक संस्थानों की आवश्यकता और वित्तीय रूप से गैर-जिम्मेदार नीतियों से होने वाले खतरों के बारे में अपने दृष्टिकोण को साझा किया।
इसे भी पढ़ें: ASEAN-भारत शिखर सम्मेलन के लिए आज इंडोनेशिया जाएंगे PM मोदी, पूर्वी एशिया समिट में भी करेंगे शिरकत
पीएम मोदी ने कहा कि यदि आप जी20 के लिए हमारा आदर्श वाक्य देखें, तो यह 'वसुधैव कुटुंबकम - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' है। यह जी20 प्रेसीडेंसी के प्रति हमारे दृष्टिकोण को उपयुक्त रूप से दर्शाता है। हमारे लिए पूरा ग्रह एक परिवार की तरह है। किसी भी परिवार में प्रत्येक सदस्य का भविष्य हर दूसरे सदस्य के भविष्य से गहराई से जुड़ा होता है। इसलिए, जब हम एक साथ काम करते हैं, तो हम एक साथ प्रगति करते हैं, किसी को पीछे नहीं छोड़ते। इसके अलावा, यह सर्वविदित है कि हमने पिछले 9 वर्षों में अपने देश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के दृष्टिकोण का पालन किया है। इसने देश को प्रगति के लिए एक साथ लाने और अंतिम छोर तक विकास का लाभ पहुंचाने में बहुत बड़ा लाभ दिया है। आज इस मॉडल की सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल रही है।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: देश का नाम भारत करने के लिए Mulayam ने विधानसभा में पास कराया था प्रस्ताव, घोषणापत्र में भी किया था इंडिया नाम बदलने का वादा
वैश्विक संबंधों में भी यही हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत है। सबका साथ - हम सभी को प्रभावित करने वाली सामूहिक चुनौतियों का सामना करने के लिए दुनिया को एक साथ लाना। सबका विकास - मानव-केंद्रित विकास को हर देश और हर क्षेत्र तक ले जाना। सबका विश्वास - प्रत्येक हितधारक की आकांक्षाओं की पहचान और उनकी आवाज़ के प्रतिनिधित्व के माध्यम से उनका विश्वास जीतना। सबका प्रयास - वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने में प्रत्येक देश की अद्वितीय शक्ति और कौशल का उपयोग करना।
अन्य न्यूज़