विपक्ष कट मनी की व्यवस्था चाहता है, चुनावी बांड को लेकर अमित शाह का राहुल गांधी पर वार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आलोचना करते हुए कहा कि वे यही चाहते हैं। बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक निजी मीडिया को दिए साक्षात्कार में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर अपना पक्ष रखा।
चुनावी बांड पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जो भी निर्णय दिया है, वह सभी पर लागू होता है। मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं। मेरी व्यक्तिगत राय है कि चुनावी बांड से काला धन ख़त्म होना था। लेकिन अब इस फैसले से चुनाव के दौरान काले धन का प्रभाव बढ़ जाएगा। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत अघाड़ी इसके खिलाफ थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आलोचना करते हुए कहा कि वे यही चाहते हैं। बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक निजी मीडिया को दिए साक्षात्कार में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर अपना पक्ष रखा।
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पहले क्या हो रहा था, पैसा नकद के रूप में आ रहा था। अगर किसी को 1500 रुपये का फंड दिया जाता था तो 1400 रुपये स्विस बैंक में जमा करा दिए जाते थे और 100 रुपये अपने पास रख लिए जाते थे। बाद में बांड आने के बाद क्या हुआ, पार्टी को पता चला कि उसे कितना फंड मिला, पैसा खाते में जमा कर दिया गया। लेकिन राहुल गांधी पुराना तरीका चाहते हैं। इसलिए पार्टी को फंड मिले या न मिले, चुनाव में पैसा खर्च न हो तो भी ठीक है, लेकिन पैसा उनके परिवार के पास जाना चाहिए। इसके लिए मोदी चुनावी बांड लेकर आये थे। 2014 में हमारी पार्टी में 81 फीसदी फंडिंग कैश में थी। खाते में कोई 20 हजार रुपये भी जमा कर रहा था। 2018 में यही अनुपात 17 फीसदी हो गया।
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2023 में यह अनुपात घटकर 3 फीसदी रह गया है। हमने इसे कम कर दिया। हमने एक व्यवस्था शुरू की थी, यह गुप्त रखा जाता था कि कौन किसको भुगतान करता है। लेकिन इसमें किस कंपनी ने कितनी धनराशि नकद के रूप में दी, यह भी अब गुप्त रहेगा। इसलिए अमित शाह ने आलोचना करते हुए कहा कि पैसा नकद के रूप में लिया जाएगा, इसे घर भी ले जाया जा सकता है।
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