विपक्षी दलों ने आम बजट 2019 को नारों और जुमलों का पिटारा बताया
राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि बजट में लुभावने नारों और नामों वाली योजनायें ही सुनाई दीं। उन्होंने कहा कि सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण से ही पता चल गया था कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में गलत बीमारी की पहचान की, ऐसे में गलत इलाज होना तय था।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को पेश आम बजट की विपक्षी दलों ने नारों और जुमलों का पिटारा बताते हुये कहा है कि बजट ने सभी तबकों को निराश किया है। संसद भवन परिसर में बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘बजट में शामिल नारों और जुमलों पर लोकसभा में खूब ‘वाह वाह’ हो रही थी। हकीकत यह है कि बजट में ना तो नये भारत के निर्माण के बारे में कुछ है, ना ही आम आदमी के साथ किसी तरह के न्याय की झलक दिखती है।’’ सिब्बल ने इसे दिशाहीन बजट बताते हुये कहा कि कृषि, भारी उद्योग, वस्त्र, निर्यात और निवेश सहित अर्थव्यवस्था के किसी भी प्रमुख क्षेत्र के लिये बजट में कोई दिशा और दृष्टि नहीं दिखी। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में ना विजन (दृष्टिकोंण) है ना प्रोवीजन (प्रावधान) है क्योंकि इसमें यह बताया ही नहीं गया है कि कहां से राजस्व प्राप्तियां हासिल की जायेंगी और कितना व्यय हुआ।’’
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सपा के राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह ने इसे पूजीवादी बजट बताते हुये कहा कि इसमें समाज के शोषित और वंचित वर्गों की उपेक्षा कर सिर्फ पूंजीपति वर्ग की सहूलियतों का ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि बजट में पेट्रोल डीजल की कीमत में ढाई रुपये तक के इजाफे से मंहगाई चरम पर होगी और इसका सीधा असर आम आदमी पर पडे़गा। राकांपा अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट में कृषि क्षेत्र के लिये जीरो बजट खेती की बात जरूर कही लेकिन देश भर में कर्ज के बोझ तले दबे किसानों को कोई राहत या समाधान नहीं दिया। पवार ने कहा कि बजट में किसानों की आय दोगुना करने की ठोस कार्ययोजना पेश की जानी चाहिये थी।यह बजट प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देकर कुछ बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही हर प्रकार से मदद करने वाला है, जिससे दलितों व पिछड़ों के आरक्षण की ही नहीं बल्कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसान व ग्रामीण समस्या और भी जटिल होगी। देश में पूंजी का विकास भी इससे संभव नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) July 5, 2019
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