विपक्ष ने सरकार से MSME क्षेत्र को राहत देने की मांग की

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कांग्रेस सदस्य विवेक तन्खा ने उच्च सदन में कहा कि कोविड-19 को लेकर सरकार ने कई फैसले किए लेकिन उनमें से कुछ पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न कदमों से एमएसएमई क्षेत्र काफी प्रभावित होगा और छोटे कारोबारियों की परेशानी बढ़ जाएगी।

नयी दिल्ली। राज्यसभा में शनिवार को कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कोविड-19 के मद्देनजर उठाए गए कदमों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की स्थिति खराब हो जाएगी और छोटे कारोबारियों पर भार बढ़ जाएगा। कांग्रेस सदस्य विवेक तन्खा ने उच्च सदन में कहा कि कोविड-19 को लेकर सरकार ने कई फैसले किए लेकिन उनमें से कुछ पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न कदमों से एमएसएमई क्षेत्र काफी प्रभावित होगा और छोटे कारोबारियों की परेशानी बढ़ जाएगी। कांग्रेस सदस्य ने एमएसएमई क्षेत्र को राहत प्रदान करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह क्षेत्र 12 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और जीडीपी में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है। 

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इसके अलावा देश के निर्यात में भी इसका अहम योगदान रहा है। तन्खा दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा की शुरूआत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने चार घंटे के नोटिस पर मार्च में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू कर दिया और अपने विभिन्न कदमों के संबंध में 25 मार्च को अध्यादेश जारी किया। उन्होंने कहा कि उस समय कोविड को लेकर स्थिति बहुत स्पष्ट भी नहीं हुयी थी। तन्खा ने कहा कि अगर मौजूदा महामारी जल्दी खत्म नहीं होती है तो सरकार को एक और संशोधन लाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को उन उद्योगों को राहत प्रदान करना चाहिए जो इस बीमारी के कारण प्रभावित हुए हैं। उन्होंने सरकार से कहा कि उसे ऐसे कदम नहीं उठाए चाहिए जिससे उलटा नुकसान हो जाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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