स्पा को फिर से खोलने के लिए संचालकों को शर्तों को पूरा करना होगा : अदालत
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच स्पा को फिर से खोलने के लिए इसके संचालकों को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा लागू शर्तों का पालन करना होगा।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच स्पा को फिर से खोलने के लिए इसके संचालकों को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा लागू शर्तों का पालन करना होगा। डीडीएमए द्वारा ‘अनलॉक’ के नए दिशा-निर्देशों के तहत 26 जुलाई से स्पा को खोलने की अनुमति दी गयी है, लेकिन उनके सभी कर्मचारियों को टीका लगवाना होगा या एक पखवाड़े में आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, ‘‘उन्हें शर्तों का पालन करना होगा।’’
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इससे पहले दिल्ली सरकार के वकील ने डीडीएमए के 24 जुलाई के आदेश का हवाला दिया जिसमें कड़ी शर्तें लगायी गयी हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण अप्रैल से बंद स्पा को खोलने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सभी स्पा संचालकों को आदेश की सभी शर्तों का पालन करना होगा।’’ डीडीएमए के आदेश और दिल्ली सरकार के वकील नौशाद अहमद की दलील का संज्ञान लेते हुए अदालत ने याचिकाओं का निपटारा कर दिया।
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पिछले सप्ताह अदालत ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में स्पा को फिर से खोलने पर अंतिम निर्णय करेगी और कर्मचारियों तथा ग्राहकों के टीकाकरण और एक समय में सीमित लोगों को अनुमति देने जैसी शर्तें लगाएगी। एच डी थानवी एंड एसोसिएट्स के जरिए दाखिल याचिका में दिल्ली वेलनेस स्पा एसोसिएशन ने कहा कि स्पा को नहीं खोलने का दिल्ली सरकार का फैसला मनमाना, गैर कानूनी और अनुचित है। अदालत ने पांच जुलाई को दो स्पा केंद्रों के मालिकों द्वारा दाखिल याचिका पर दिल्ली सरकार और केंद्र से जवाब मांगा था। याचिका में अप्रैल से बंद स्पा केंद्रों को फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने में अत्यधिक देरी का आरोप लगाया गया था।
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