Prabhasakshi NewsRoom: पांच महीने में ही फर्श से सीधे अर्श पर पहुँच गये Omar Abdullah

Omar Abdullah
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इस शानदार जीत से गदगद दिख रहे उमर अब्दुल्ला अब सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। वह इंडिया गठबंधन के विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री पद के बारे में फैसला होने की बात कह रहे हैं और साथ ही दिल्ली से भी अच्छे रिश्ते बना कर चलने की बात कह रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस की शानदार जीत से उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक कॅरियर एक बार फिर शीर्ष पर पहुँच गया है क्योंकि माना जा रहा है कि वह जल्द ही राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे। पांच महीने पहले जब उमर अब्दुल्ला को लोकसभा चुनावों में हार मिली थी तबसे वह काफी निराश नजर आ रहे थे। वह तो विधानसभा चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे लेकिन पार्टी के काफी आग्रह के बाद उन्होंने चुनाव लड़ना तय किया। जब उन्होंने गांदरबल से पर्चा भरा तब उनके खिलाफ कई निर्दलीयों ने नामांकन कर दिया। लोकसभा चुनाव में मिली हार को देखकर उमर अब्दुल्ला काफी सतर्क थे इसलिए उन्होंने गांदरबल में हार के डर से बडगाम से भी पर्चा दाखिल कर दिया और अब उन्होंने दोनों सीटों से जीत हासिल की है। हम आपको याद दिला दें कि चुनाव प्रचार के दौरान उमर अब्दुल्ला अपनी टोपी हाथ में लेकर मतदाताओं से उसकी इज्जत बचाने की गुहार लगा रहे थे और आखिरकार उनकी सुन ली गयी। पांच महीने में ही जिस तरह फर्श से अर्श पर उमर जा पहुँचे हैं वह उन नेताओं के लिए प्रेरणा है जो एक हार से निराश हो जाते हैं।

इस शानदार जीत से गदगद दिख रहे उमर अब्दुल्ला अब सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। वह इंडिया गठबंधन के विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री पद के बारे में फैसला होने की बात कह रहे हैं और साथ ही दिल्ली से भी अच्छे रिश्ते बना कर चलने की बात कह रहे हैं। उमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया है क्योंकि उन्होंने चुनावी जीत पर नेशनल कांफ्रेंस को बधाई दी है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रदर्शन की सराहना करते हुए सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "मैं जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में जेकेएनसी के सराहनीय प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई देना चाहता हूं।" जवाब में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी पार्टी केंद्र के साथ रचनात्मक संबंध की उम्मीद करती है। उन्होंने कहा, "बधाई संदेश के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद नरेन्द्र मोदी साहब। हम संघवाद की सच्ची भावना में रचनात्मक संबंध की आशा करते हैं ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग निरंतर विकास और सुशासन से लाभान्वित हो सकें।"

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हम आपको बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीट के साथ जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और वह अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ केंद्र शासित प्रदेश में अगली सरकार बनाने के लिए तैयार है। कांग्रेस को छह सीटें मिली हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर ‘उल्लेखनीय कार्य’ करेंगे। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर कुछ चीजें की जा सकती हैं और कुछ चीजें नहीं की जा सकतीं लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि माननीय प्रधानमंत्री सम्मानजनक काम करेंगे और जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाएंगे और फिर हमारे घोषणापत्र के बाकी हिस्से को लागू किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को जीत की ओर ले जाने वाले उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को राज्य का दर्जा बहाल करने का अपना वादा पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सभी सम्माननीय व्यक्ति हैं। संसद में अपने भाषणों और उच्चतम न्यायालय में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। इसलिए मेरा मानना है कि यह जल्द से जल्द होना चाहिए। और फिर जाहिर है कि हमारी प्राथमिकताएं वहीं से आगे बढ़ेंगी।” अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार केंद्र के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध रखने का जोखिम नहीं उठा सकती।

उन्होंने कहा, “एक बार नयी सरकार बन जाने के बाद फिर चाहे जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री कोई भी हो, मैं उम्मीद करता हूं कि वह प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली जाएंगे और उन्हें यह समझाएंगे कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का जनादेश राज्य का दर्जा बहाल करने, विकास और शांति के लिए है और मुख्यमंत्री कोई भी हो, मुझे उम्मीद है कि वे भारत सरकार के साथ अच्छे कामकाजी संबंध स्थापित करने में सक्षम होंगे।''

उमर अब्दुल्ला ने साथ ही कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों की बैठक में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद ही सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल की बैठक होगी। मैं जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश नहीं कर रहा हूं। गठबंधन और निर्वाचित सदस्य फैसला करेंगे कि वे किसे अगले पांच साल तक राज्य के नेतृत्व के लिए चुनना चाहते हैं।’’ हम आपको बता दें कि इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने घोषणा की थी कि उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनेंगे।

उमर ने कहा कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष द्वारा उन पर व्यक्त किए गए विश्वास के लिए आभारी हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल और गठबंधन मिलकर इस बारे में फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी जश्न मना ले और पार्टी नेता तथा कार्यकर्ता राहत की सांस ले लें जिसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल की बैठक होगी। उमर ने कहा, ‘‘कुछ दिन में हम अपने विधायक दल की बैठक बुलाएंगे, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल का नेता चुना जाएगा। फिर हम गठबंधन के साथ बैठकर तय करेंगे कि इसका नेतृत्व कौन करेगा। फिर जब हमारे पास समर्थन के सभी पत्र आ जाएंगे, तो हम उपराज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जनादेश ने साबित किया है कि लोगों ने जम्मू कश्मीर में भाजपा की राजनीति के खिलाफ मतदान किया है।

हम आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मतगणना में गांदेरबल सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी उम्मीदवार को 10,000 से अधिक वोट से हरा दिया है, वहीं बडगाम में उन्हें पीडीपी उम्मीदवार से 18,000 से अधिक वोट से जीत मिली है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम से पार्टी की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उमर ने कहा, ‘‘अब हमारा कर्तव्य है कि हम अपने काम के माध्यम से लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरें और अगले पांच वर्ष तक हमारा यही प्रयास रहेगा।’’

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