एनएसयूआई, एबीवीपी ने बीएचयू के छात्रों पर कार्रवाई के खिलाफ किया प्रदर्शन
नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रों पर लाठीचार्ज के खिलाफ यहां प्रदर्शन किया।
नयी दिल्ली। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रों पर लाठीचार्ज के खिलाफ यहां प्रदर्शन किया। आरएसएस संबद्ध एबीवीपी ने छात्रों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की और एक तथ्यान्वेषी समिति बनाने की मांग की। कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई ने उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायाधीश के अंतर्गत जांच कराने और बीएचयू के कुलपति के इस्तीफे की मांग की। दोनों छात्र संगठनों ने यहां मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन आयोजित करने की अपनी योजना की घोषणा की।
हालांकि, एनएसयूआई ने दावा किया कि उसके समर्थकों को तय स्थल से बहुत पहले हिरासत में ले लिया गया जबकि एबीवीपी कार्यकर्ताओं को वहां तक जाने की अनुमति दी गयी। कांग्रेस संबद्ध छात्र संगठन ने दिल्ली पुलिस पर एबीवीपी की तरफदारी करने का आरोप लगाया। एनएसयूआई के मीडिया प्रभारी नीरज मिश्रा ने कहा, ‘तमाम इजाजत के बावजूद हमें बिना किसी कारण हिरासत में लिया गया। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने और अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन बंद करने और रोकने के लिए पुलिस का किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। ’’
मिश्रा ने एबीवीपी की भी आलोचना की और कहा कि उसका प्रदर्शन महज दिखावे के लिए है। एनएसयूआई के आरोपों को खारिज करते हुए एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा ने ट्विटर पर कहा, ‘‘जिन्हें हैरानी हो रही कि एमएचआरडी पर प्रदर्शन क्यों, उन्हें याद रखना चाहिए एबीवीपी छात्र समुदाय के लिए काम करती है किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं और हमें इसका गर्व है। ’’ संपर्क किये जाने पर संसद मार्ग थाने के प्रभारी ने बताया कि मंत्रालय के निकट किसी प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी और दोनों पक्षों को रोका गया।
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