Yes Milord: BEd वाले नहीं बन सकेंगे प्राइमरी टीचर, ASI सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक, न्यूज़क्लिक को नोटिस, कोर्ट में इस हफ्ते क्या कुछ हुआ
आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 07 अगस्त से 11 अगस्त 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। मुस्लिम पक्ष की मांग पर वाराणसी कोर्ट का आया आदेश। ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक। बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के वकील ने रखा अपना पक्ष। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यूज़क्लिक को नोटिस। ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 07 अगस्त से 11 अगस्त 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
हर तरह से पूर्ण था जम्मू-कश्मीर का एकीकरण
जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता, संप्रभुता और अनसुलझी स्थिति पर जोर देने वाले तर्कों को निर्णायक रूप से खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पास संप्रभुता बाकी नहीं है। 1947 में महाराजा द्वारा विलय पत्र पर साइन के बाद भारत के साथ इसका एकीकरण पूर्ण है। चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा, कश्मीर के महाराजा द्वारा संप्रभुता का समर्पण बिल्कुल पूर्ण था। जम्मू-कश्मीर की ओर से संप्रभुता पूरी तरह भारत को सौंप दी गई थी, इसमें कोई शक नहीं। ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि अनुच्छेद 370 स्थायी प्रकृति का है। हम अनुच्छेद 370 के बाद के दस्तावेज़ को किसी ऐसी चीज़ के रूप में नहीं पढ़ सकते हैं जो -कश्मीर के साथ संप्रभुता के कुछ जम्मू- तत्व को बरकरार रखता है।
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ज्ञानवापी में एएसआई के सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक
वाराणसी की जिला अदालत ने गुरुवार को ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे की मीडिया कवरेज पर अहम आदेश दिया। इसमें कहा गया कि एएसआई, वादी, प्रतिवादी पक्ष के द्वारा कोई जानकारी न दिए जाने के बावजूद अगर सर्वे से संबंधित कोई भी जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया पर प्रकाशित की जाती है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है। आदेश में कहा गया है कि ज्ञानवापी में सर्वे की प्रकृति संवेदनशील है। सर्वे के बारे में एएसआई, हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों को कोई टिप्पणी करने या कोई सूचना देने का अधिकार नहीं है। एएसआई के अधिकारी भी सर्वे की रिपोर्ट केवल अदालत में देंगे। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में अर्जी देकर आरोप लगाया था कि एएसआई सर्वे को लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ऐसी बातें प्रकाशित और प्रसारित की जा रही हैं जो मनगढ़ंत हैं। कहा गया कि माहौल खराब होने की आशंका है। बुधवार को अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था।
बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामला मानवता के खिलाफ अपराध
2002 में गोधरा दंगों के दौरान हुए गैंगरेप के मामले पर वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह धर्म के आधार पर किया गया मानवता के खिलाफ अपराध था। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच जनहित याचिका में दिए गए तर्कों पर विचार कर रही थी। याचिकाकर्ताओं ने महिला के साथ गैंगरेप और उनकी बेटी सहित परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों को दी गई छूट के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यूज़क्लिक को नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक और इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस जारी किया। ईडी ने 2021 के दिल्ली HC के आदेश को रद्द करने के लिए अदालत का रुख किया था, जिसमें कहा गया था कि समाचार पोर्टल के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। जांच एजेंसी ने दावा किया कि उनकी जांच में न्यूज़क्लिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नए सबूत मिले हैं।
बीएड वाले नहीं बन सकेंगे प्राइमरी टीचर
बीएसटीसी बनाम बीएड विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही लेवल-1 (थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा) के लिए पात्र होंगे। जबकि बीएड उम्मीदवार अब पहली से पांचवीं कक्षा में शिक्षण पदों के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे। मुकेश कुमार और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं के साथ-साथ एनसीपीई और केंद्र सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) सहित याचिकाओं की कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली खंडपीठ ने यह निर्णय लिया।
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