Noida: ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ पर रोक फैसले के खिलाफ वकीलों ने की हड़ताल
वकीलों की हड़ताल की वजह से टोकन नंबर के आधार पर तय समय के तहत रजिस्ट्री की आस लेकर पहुंचे लोगों को लौटना पड़ा। रजिस्ट्री नहीं होने से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि हुई। गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ पर रोक लगाकर उत्तर प्रदेश सरकार ने छानबीन के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित की है।
नोएडा। गौतम बुद्ध नगर जिले में ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ (मुख्तारनामा) पर रोक के विरोध में सेक्टर-33 स्थित निबंधन कार्यालय में बुधवार को बार एसोसिएशन नोएडा के सदस्य हड़ताल पर चले गए। इससे विभाग में रजिस्ट्री समेत दूसरे कार्य ठप रहे। वकीलों की हड़ताल की वजह से टोकन नंबर के आधार पर तय समय के तहत रजिस्ट्री की आस लेकर पहुंचे लोगों को लौटना पड़ा। रजिस्ट्री नहीं होने से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि हुई। गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ पर रोक लगाकर उत्तर प्रदेश सरकार ने छानबीन के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित की है।
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एसआईटी पता लगा रही है कि नोएडा के साथ ग्रेटर नोएडा के रजिस्ट्री दफ्तर से ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ का लाभ किन दूसरे राज्य के लोगों के द्वारा उठाया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता एल सी शर्मा ने कहा कि इस फैसले के विरोध में बार एसोसिएशन से जुड़े 300 से अधिक वकील बुधवार को ह़ड़ताल पर चले गए। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सी एस नागर ने कहा कि ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ पर रोक जनता के अधिकारों का हनन व ‘रजिस्ट्रेशन एक्ट’ का उल्लंघन है।
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