मंत्री पद से इस्तीफा नहीं, राम मंदिर बनकर रहेगाः उमा
आपराधिक साजिश के तहत मामला चलाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश से बेपरवाह केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं है और पूरा मामला स्पष्ट है।
साल 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के तहत मामला चलाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश से बेपरवाह केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं है और पूरा मामला स्पष्ट है। उमा भारती ने संवाददाताओं से कहा, ''अयोध्या में भव्य राम मंदिर मेरा सपना है। भारत और राम मंदिर के लिए जेल जाने या फांसी के लिए भी तैयार हूं।’’ उन्होंने जोर दिया कि उन्हें राम जन्मभूमि अभियान में अपनी भूमिका के लिए गर्व है और इस बात को लेकर कोई अफसोस या खेद नहीं है।
उमा ने कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के मार्ग में कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने भाजपा के शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती आदि के खिलाफ वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को आज स्वीकार कर लिया है। न्यायालय ने नेताओं और ‘कारसेवकों’ के खिलाफ लंबित मामलों को भी इस मामले में शामिल कर दिया और कहा कि कार्यवाही दो साल में पूरी हो जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण जरूर होगा और वह आज रात अयोध्या जायेंगी और रामलला का आशीर्वाद प्राप्त करेंगी।
साजिश के आरोपों को खारिज करते हुए उमा भारती ने कहा कि कोई साजिश नहीं हुई। सब कुछ स्पष्ट है। मैंने राम मंदिर अभियान में गर्व और विश्वास के साथ हिस्सा लिया। मैंने तिरंगे की खातिर मुख्यमंत्री का पद त्याग दिया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण को साकार होता देखने के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा, वह करूंगी। राम मंदिर का निर्माण होगा और कोई माई का लाल उसे नहीं रोक सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि 6 दिसंबर 1992 को विवादस्पद स्थल पर वह मौजूद थी। कांग्रेस पार्टी के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर किसी आरोप का जवाब नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि 1984 के सिख दंगे के दौरान सोनिया गांधी, राजीव गांधी के घर पर मौजूद थीं। क्या इसका अर्थ हुआ कि सोनियाजी साजिश का हिस्सा थीं?
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