श्रीनगर की जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज की इजाजत नहीं देना, धर्म मानने के अधिकार का उल्लंघन: नेकां
एक पखवाड़े पहले, प्रशासन ने कोविड-19 मामलों में वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार दोपहर 2 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक गैर-जरूरी आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
श्रीनगर| नेशनल कांफ्रेंस ने रविवार को कहा कि अधिकारियों द्वारा कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए यहां जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज को ‘‘लगातार अनुमति नहीं देना’’
स्वतंत्र रूप से धर्म मानने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का ‘‘उल्लंघन’’ है। नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने एक बयान मेंकहा कि इस तरह के अनावश्यक प्रतिबंध देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा, जामिया, केंद्रीय मस्जिद है और जम्मू-कश्मीर में लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मस्जिद का लगातार 26वें हफ्ते मुसलमानों के लिए बंद रहना बेहद दुखद है।’’
उन्होंने कहा, हर शुक्रवार को घाटी के विभिन्न हिस्सों से पुरुष, महिलाएं और बुजुर्ग इस ऐतिहासिक मस्जिद में आते हैं और निराश होकर लौटते हैं। इस तरह के अनुचित प्रतिबंध लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं और देश के लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए अनुपयुक्त हैं।’’ इसबीच जम्मू से प्राप्त खबर के अनुसार जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गैर-जरूरी आवाजाही पर प्रतिबंध में सात घंटे की छूट की रविवार को घोषणा की। यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब व्यापारियों ने 64 घंटे के लंबे सप्ताहांत कोविड लॉकडाउन से अपने व्यवसायों में बाधा उत्पन्न होने की चिंता जतायी थी।
एक पखवाड़े पहले, प्रशासन ने कोविड-19 मामलों में वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार दोपहर 2 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक गैर-जरूरी आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) ने कहा कि गैर-जरूरी आवाजाही पर नया लॉकडाउन प्रतिबंध हर शुक्रवार रात 9 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक होगा।
एसईसी की बैठक मुख्य सचिव ए के मेहता की अध्यक्षता में समग्र कोविड स्थिति की समीक्षा करने के लिए हुई। एसईसी ने कहा कि यह अगले सप्ताहांत से प्रभावी होगा।
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