गोवा सरकार का ऐलान, कोरोना टीकाकरण के नियम तोड़ने पर प्राइवेट अस्पतालों को नहीं मिलेगी वैक्सीन

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गोवा सरकार ने कहा कि कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी अस्पतालों को कोविड-19 टीका उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।टीकाकरण के लिए पंजीकरण के प्रबंधन के मकसद से केंद्र ने को-विन ऐप बनाई है। बोरकर ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को निजी अस्पतालों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के समक्ष उठाया जाएगा।

पणजी। गोवा स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को चेतावनी दी है कि यदि वे स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा अन्य लोगों को कोविड-19 टीका लगाते पाए गए, तो उन्हें टीके की आपूर्ति रोक दी जाएगी। गोवा में 16 जनवरी से टीकाकरण आरंभ होने के बाद से विभिन्न सरकारी केंद्रों के अलावा करीब छह निजी अस्पतालों को स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और आईएमए सदस्यों को कोविड-19 का टीका लगाने वाले अस्पतालों की सूची में शामिल किया गया है। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. राजेंद्र बोरकर ने रविवार देर शाम यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि इस प्रकार की शिकायतें मिली हैं कि कुछ निजी अस्पताल उन लोगों को भी टीका लगा रहे हैं, जो स्वास्थ्यसेवा कर्मी नहीं हैं और जिनका को-विन पोर्टल में पंजीकरण नहीं है।

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अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार और भारत सरकार ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य विभाग को ऐसे (नियम का उल्लंघन करने वाले) अस्पतालों और संस्थानों को टीके मुहैया कराना बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इससे कोविड-19 टीकाकरण अभियान बाधित हो सकता है।’’ टीकाकरण के लिए पंजीकरण के प्रबंधन के मकसद से केंद्र ने को-विन ऐप बनाई है। बोरकर ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को निजी अस्पतालों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के समक्ष उठाया जाएगा कि केंद्र के दिशा-निर्देशों की अवहेलना नहीं हो।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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